छत्तीसगड़

रंग पंचमी के अवसर पर चांदी की पालकी में सवार होकर बाबा कलेश्वरनाथ

जांजगीर चांपा

जिला के पीथमपुर गांव छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां बाबा कलेश्वरनाथ के मंदिर में सावन के महिने  में मेला का आयोजन होता ही है. रंग पंचमी के अवसर पर चांदी की पालकी में सवार होकर बाबा कलेश्वरनाथ की बारात भी निकाली जाती है और नागा बाबा और वैष्णव साधुओं के संरक्षण में शिवजी के पंचमुखी स्वरुप में अपने भक्तों के बीच पहुंचते हैं और सबको आशीष प्रदान करते हैं.

जांजगीर जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर हसदेव नदी के किनारे पीथमपुर गांव है. यहां शिवजी बाबा कलेश्वरनाथ के रूप में विराजे हैं. यहां रंग पंचमी के दिन 19 मार्च को बाबा कलेश्वर नाथ पंचमुखी रूप में चांदी की पालकी में बारात निकली जाएगी. इसमें बाराती के रूप में शामिल होने पूरे देश से नागा साधु और वैष्णव साधु आएंगे और हसदेव नदी में शाही स्नान करेंगे.

कलेश्वरनाथ के दर्शन से पुराने रोग से निजात मिलती है : पुजारी
पुजारी नरेन्द्र तिवारी ने बताया, कि होली के पांचवें दिन रंग पंचमी पर यहां के पीथमपुर गांव में बाबा कलेश्वरनाथ की बारात चांदी की पालकी में धूमधाम से निकाली जाएगी. परंपरा अनुसार, इस अवसर पर देश के अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधु बारात में शामिल होंगे और अखाड़ों का प्रदर्शन करेंगे. इसे देखने हजारों लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि पीथमपुर के बाबा कलेश्वरनाथ के दर्शन मात्र से निसंतानों को संतान की प्राप्ति होती है. पेट संबंधी पुराने रोग से भी निजात मिलती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button