प्रेरणा सामूहिक ग्रामीण बाजार किसी मॉल से कम नहीं, आत्मनिर्भरता और सहकार की नई पटकथा लिख रही नारी शक्ति
अलीगढ़
अगर आप यमुना एक्सप्रेस-वे से गुजर रहे हैं तो अलीगढ़ जिले के टप्पल इंटरचेंज के निकट ब्लाक (खंड विकास अधिकारी) कार्यालय परिसर में कुछ देर रुकिए। यहां प्रेरणा सामूहिक ग्रामीण बाजार आपका दिल जीत लेगा। यह किसी मॉल से कम नहीं। अंतर केवल इतना है कि इसे 10-12 वे महिलाएं संचालित कर रही हैं, जो कभी मजदूरी कर जीवन यापन करती थीं। अब कारोबारी हो गईं हैं।
इसी तरह की अन्य महिलाएं गांव में दो सौ दुकानें चला रही हैं। मिनी ग्रामीण मार्ट कही जाने वाली इन दुकानों को भी प्रेरणा सामूहिक ग्रामीण बाजार से किराना-परचून का सामान जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी करीब पांच हजार महिलाएं इस कारोबार के जरिए स्वावलंबन की ऐसी कहानी लिख रही हैं, जो जिलेभर में अलग मिसाल बन गई है। देश के अन्य स्वयं सहायता समूह भी इस बाजार से प्रेरणा ले रहे हैं।
महिलाओं को सशक्त बनाने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) का संचालन किया जा रहा है। 2014-15 से इस योजना में स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। जिले के टप्पल ब्लाक की महिलाओं ने इस काम में सबसे अधिक रुचि दिखाई। इससे जुड़कर 87 गांव की 10 हजार से अधिक महिलाओं ने छोटी-छोटी इकाइयां शुरू की। इनमें जूते, चप्पल, रेडीमेड कपड़े, दोना-पत्तल, बैग, एलईडी बल्ब, मसाले, झाड़ू, अचार जैसे अनेक उत्पाद बनाए जा रहे हैं। मगर, इन उत्पादों की बिक्री के लिए कोई उचित मंच नहीं मिल पा रहा था। अलीगढ़ व नोएडा बाजार जाने में महिलाओं को काफी समय लगता था। कच्चे माल (रा मैटीरियल) के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ता था। ऐसे में केंद्र सरकार ने टप्पल ब्लाक में प्रेरणा सामूहिक ग्रामीण बाजार खोलने का निर्णय लिया।
इसकी जिम्मेदारी ब्लाक की पंजीकृत सीएलएफ (कलस्टर लेवल फेडरेशन) जीवन ज्योति संकुल संघ को दी गई। इस संघ से समूह की ही साढ़े पांच हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें से 12 महिलाओं को बोर्ड आफ डायरेक्टर (बीओडी) नियुक्त किया गया। गैर सामाजिक संस्था ट्रांसफर रूरल इंडिया (टीआरआइ) को तकनीकी सहयोग की जिम्मेदारी दी गई। 15 लाख की राशि बोर्ड आफ डायरेक्टर को दी। बीओडी ने ब्लाक परिसर में एक गोदाम को किराए पर लिया। मैनेजर व अन्य दो सहयोगी नियुक्त किए। 11 मई 2022 को बाजार की शुरुआत हुई। कुछ दिन तो बाजार की रफ्तार सुस्त रही। मगर, अब यह बाजार अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन गया है।
इस तरह होता है संचालन
टप्पल ब्लाक में एनआरएलएम से जुड़ी दो सौ से अधिक महिलाओं द्वारा विभिन्न गांव में किराना की दुकान का संचालन किया जाता है। अब तक यह सभी महिलाएं 30 से 40 किमी. दूर से थोक में सामान लाती थीं। अब प्रेरणा बाजार से ही किराना-परचून का सामान खरीदती हैं। इन महिलाओं को सामान्य खरीदारों के मुकाबले पांच प्रतिशत तक की छूट भी मिलती है। इस छूट की राशि की पूर्ति प्रेरणा बाजार में सीधे कंपनियों से आने वाले सामान से होती है। इसके अलावा समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों की बिक्री भी इस प्रेरणा बाजार के माध्यम से होती है। करीब ढाई से तीन हजार महिलाएं अचार, दाल, मसाले, झाड़ू समेत अन्य उत्पादों की बिक्री इसी प्रेरणा बाजार से करती हैं।
50 से 60 लाख हुआ टर्नओवर
प्रेरणा बाजार की शुरूआत 15 लाख रुपये से हुई। अब इसका टर्नओवर 50 से 60 लाख है। हर महीने चार से पांच लाख रुपये की बिक्री होती है। करीब 15 से 20 प्रतिशत का मुनाफा है। इससे मैनेजर व अन्य कर्मियों का वेतन और गोदाम का किराया दिया जाता है। शेष राशि बीओडी के संयुक्त खाते में जमा होती है।
सीधे कंपनियों से होती है खरीद
प्रेरणा बाजार में कुछ सामान तो महिला समूहों से खरीदा जाता है। इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक्स, बिस्किट, चिप्स समेत अन्य सामान की आपूर्ति सीधे ब्रांडेड कंपनियों से होती है। प्रेरणा बाजार में कुल तीन लोग काम करते हैं। इसमें स्वयं मैनेजर गोदाम को संभालती हैं। इसके अलावा अन्य दो सहयोगी महिलाएं गांव-गांव किराना की दुकानों पर सामान की आपूर्ति करती हैं।
अन्य सभी जिलों में लागू होगी यह व्यवस्था
अभी तक प्रदेश के दो जिलों में प्रेरणा बाजार संचालित हैं। इसमें अलीगढ़ व बिजनौर शामिल हैं। अब जल्द ही सभी जिलों में इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इसके लिए अलीगढ़ जिला प्रशासन से पूरे प्रोजेक्ट का विस्तृत ब्योरा मांगा है। ऐसे में समूह की महिलाओं को जोड़कर अन्य जिलों में भी इस तरह के बाजार खुलेंगे।