मध्यप्रदेश

भाजपा , मोदी , शाह के प्रभाव में चुनाव आयोग : दिग्विजय सिंह

 (अमिताभ पाण्डेय)
भोपाल। ( Apnikhabar.co.in))
राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि ई वी एम मशीन में गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि 
ईवीएम को लेकर लालकृष्ण आडवाणी ने भी अविश्वास जताया था
ईवीएम इस इस्तेमाल 2003 में शुरू हुआ फिर अविश्वास सामने आने के बाद बीवपैट लगाई गई
विविपैठ तार से बैलेट यूनिट से कनेट होती है।
वीवीपीएटी सेंट्रल इलेक्शन कमिशन के सर्वर से कनेक्ट होती है
पहले कलेक्टर कौनसी यूनिट कहां जायेगी ये तय करते थे
लेकिन अब रेंडमाइजेशन के नाम पर सेंट्रल सर्वर से होती है
जिसके लिए प्राइवेट इंजीनियर बुलाए जाते हैं
इंजीनियर लैपटॉप से मशीन को कनेक्ट करते हैं जिसके बाद सिंबल लोड होते हैं
जिसके चलते चिप सर्वे सर्वा हो जाता है
वीवीपीएटी मशीन में 7 सेकंड के लिए दिखाई देता है
लेकिन जो दिखा वही डब्बे में गिरा इस बात का संदेह है
माइक्रोचिप जो वीवीपीएटी में है वही वोट डाल रहा है
श्री सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में केवल 5 देशों में ईवीएम से चुनाव होता है।
ऑस्ट्रेलिया में मशीन में जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है वो पब्लिक डोमेन में हैलेकिन भारत में आज तक कौनसा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है ये जानकारी पब्लिक नहीं है।
इलेक्शन कमिशन कहता है पब्लिक करने से सॉफ्टवेयर हैक हो सकता है।
श्री सिंह के अनुसार 
आरटीआई के अंतर्गत कई प्रश्न पूछे गए जिसके eci और beil अलग अलग जवाब दे रहे हैं।
इसके पार्ट्स अलग अलग वेंडर्स से आते हैं
ऐसाकहा गया की चिप वन टाइम प्रोग्राम चिप है लेकिन जब वीवीपीएटी आई तो चिप मल्टीपल प्रोग्रामेबल हो गई।
रिटर्निंग ऑफिसर्स कहते हैं की वीवीपीएटी प्रोग्राम करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी मांगी जाती है।
Eci इन सभी सवालों का जवाब नहीं देती है।
श्री सिंह ने कहा कि ईवीएम की गड़बड़ी के विरोध में देश भर में अभियान चलाया जाएगा।

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