मध्यप्रदेश

शौर्य, साहस और कला-संस्कृति का संगम है बुंदेलखंड: राज्यपाल पटेल

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि बुंदेलखंड की धरती शौर्य और साहस के साथ कला और संस्कृति का ऐसा संगम है, जहाँ शस्त्र और शास्त्र के समन्वय की पराकाष्ठा देखने को मिलती है। अद्वितीय वास्तुकला, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक विरासत की नगरी खजुराहो, भारतीय संस्कृति और कला का अद्वितीय गौरव है। उन्होंने कहा कि खजुराहो नृत्य समारोह ने भारतीय कला और संस्कृति की विविधता में एकता को देश-विदेशों में मजबूत किया है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विविधता और समृद्धता को प्रदर्शित करने और विस्तारित करने में समारोह का उल्लेखनीय योगदान है। राज्यपाल पटेल खजुराहो में 51वें खजुराहो नृत्य समारोह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा है कि मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के आयोजन में 139 नृत्य कलाकारों ने 24 घंटे, 9 मिनट, 26 सेकंड तक लगातार नृत्य कर, जो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। इससे हमारी संस्कृति का गौरव बढ़ा है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिये आयोजकों को बधाई दी है।

समारोह मे सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना सुमीनाक्षी शेषाद्रि की ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति हुई। अपनी प्रस्तुति में उन्होंने नृत्य के अधिपति भगवान शिव की स्तुति की। अगली प्रस्तुति पद्मभूषण राधा—राजा रेड्डी के कुचिपुड़ी नृत्य की हुई। इसके बाद ‘जतीस्वरम’ की राग मांडारी और ताल आदि में निबद्ध प्रस्तुति हुई। यह प्रस्तुति बिना किसी गीत और शब्द के विशुद्ध नृत्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण मानी गई।

कलावार्ता : कलाविदों एवं कलाकारों के मध्य संवाद

कलावार्ता में मंदिर स्थापत्य और नृत्य कला का दार्शनिक और आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में कलाविदों एवं कलाकारों के मध्य संवाद हुआ। कलावार्ता का प्रवर्तन दिल्ली से आये कलाविद आनंदवर्धन ने किया।

बाल नृत्य महोत्सव में युवा कलाकारों को भी मिला मंच

    युवा कलाकारों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिये पहली बार आयोजित खजुराहो नृत्य महोत्सव के अंतिम दिन मंच प्रदान किया गया। इसमें युवा कलाकारों ने कथक और भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुतियां दीं।

 

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