मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य एवं केन्द्रीय खान मंत्री जोशी की अध्यक्षता में सम्मेलन होगा
भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य एवं केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता में 23 जनवरी को इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में दूसरा राज्य खनिज मंत्री सम्मेलन होगा। इसमें 20 राज्यों के खनन मंत्री भाग लेंगे। सचिव खान मंत्रालय व्ही.एल. कांताराव, मंत्रालय के संगठनों, 5 राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न हितधारक सम्मेलन में भाग लेंगे।
खान मंत्रालय द्वारा 23 जनवरी को राज्य खनन मंत्री सम्मेलन के अवसर पर “माइनिंग एण्ड बियॉन्ड’’ विषय पर प्रदर्शनी का आयोजन मिन्टो हॉल परिसर में किया जायेगा। इसमें मध्यप्रदेश सरकार के अलावा जीएसआई, डीएमएफ, प्रमुख खनन कम्पनियाँ, निजी गवेषण एजेंसियाँ और स्टार्ट-अप्स अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे।
63वें केन्द्रीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम बोर्ड की बैठक 22 जनवरी को होगी। सीजीपीबी देश में भू-वैज्ञानिक मानचित्रण, खनिज पूर्वेक्षण और गवेषण कार्य-कलापों का समन्वय करने के लिये राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष निकाय है। बैठक में डीएई, अंतरिक्ष विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जैसे केन्द्रीय मंत्रालयों, ओएनजीसी और एमओआईएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, एनजीआरआई और सीआईएमएफआर जैसी सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, भारतीय सर्वेक्षण, एनडीएम ए और आईआईटीआईएसएम धनबाद जैसे अन्य संस्थानों, राज्य सरकारों, अधिसूचित निजी गवेषण एजेंसियों और टाटा स्टील, एचजेडएल और एफआईएमआई जैसे उद्योग निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले हितधारक भाग लेंगे।
1501 सीजीपीबी की बैठक में, जीएसआई कार्य सत्र (एफएस) 2024-25 के लिये 1, वैज्ञानिक कार्यक्रमों को मंजूरी के लिये 55 प्रस्तुत करेगा, जिसमें निकट भविष्य में नीलामी योग्य खनिज ब्लॉक सृजित करने की क्षमता वाली परियोजनाएँ भी शामिल हैं। प्राकृतिक जोखिम अध्ययन/जनहित संबंधी भू-विज्ञान परियोजनाओं के अलावा, कार्य सत्र 2024-25 के लिये सामरिक एवं महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों पर परियोजनाएँ भी प्रस्तावित की गई है।
पैंतीस (अपतटीय खनिज ब्लॉक रिपोर्टें, नीलामी के लिये सौंपी जायेंगी। गवेषण अनुज्ञप्ति) ईएल (नीलामी प्रक्रिया को आरंभ करने के लिये राज्य सरकारों को खनिज ब्लॉक सौंपने के साथ-साथ गवेषण अनुज्ञप्ति व्यवस्था को लागू करने के लिये नियमों की अधिसूचना (ईएल) को अनावृत्त किया जायेगा। नई अधिसूचित निजी गवेषण एजेंसियों को प्रमाण-पत्र सौंपे जायेंगे। माइनिंग टेनमेंट सिस्टम के तहत एक समर्पित मॉड्यूल वास्तविक) (समय मूल्य डेटा के आधार पर औसत बिक्री मूल्य के लिये शुभारंभ किया जायेगा। स्टार रेटिंग सिस्टम के लिये उद्योगों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर खनिकों की सतत खनन पद्धतियों को स्वीकार करने के लिये पुन: डिजाइन किये गये टेम्पलेट का भी शुभारंभ किया जायेगा। जिला खनिज फाउंडेशन द्वारा 40 उल्लेखनीय हस्तक्षेपों का दस्तावेजीकरण करने वाली एक कॉफी टेबल बुक जारी की जायेगी।
नई पहलों और नीतिगत दृष्टिकोणों के आदान-प्रदान पर विचार-विमर्श करने के लिये सम्मेलन में तीन तकनीकी सत्र होंगे। पहले सत्र में वर्ष 2023 के खनन सुधारों, गवेषण अनुज्ञप्ति, महत्वपूर्ण खनिजों और अपतटीय खनन पर प्रस्तुतियाँ होंगी, जबकि दूसरे सत्र में नेशनल जियो साइंस डेटा रिपोजिटरी (एनजीडीआर) एक पोर्टल, जिसे हाल ही में सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है, जिसमें 23 लाख वर्ग किलोमीटर का भू-विज्ञान डेटा एकत्र किया गया है और राष्ट्रीय खनिज खोज न्यास (एनएमईटी), जिसे गवेषण वित्त पोषण के लिये वर्ष 2015 में स्थापित किया गया था, को प्रस्तुत किया जायेगा। अंतिम सत्र में 5 राज्य सरकारें अर्थात झारखण्ड, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और ओडिशा खनन में सर्वोत्तम पद्धतियों पर प्रस्तुतियाँ देंगी। सम्मेलन में सचिव और राज्यों के खनन विभागों के मंत्री 20 निदेशक भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि सितंबर-2022 में हैदराबाद में पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसके बाद भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। यह राज्य खनन मंत्री सम्मेलन उस सम्मेलन का दूसरा प्रतिरूप है। खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता का लक्ष्य तभी साकार हो सकता है, जब राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगी। यह सम्मेलन इस दिशा में उठाया गया एक कदम है।