संघ प्रदर्शन का नहीं बल्कि समाज के विश्वास, निर्माण का कार्य करता है : स्वप्निल कुलकर्णी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति और संगठन शक्ति का भव्य प्रदर्शन

गोपाल शर्मा (धामी)
सतना,realindianews.com। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सतना विभाग द्वारा सरस्वती विद्यापीठ, उतैली में आयोजित शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में संघ के गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोष के साथ अनेक शारीरिक प्रदर्शन किए। कार्यक्रम में योग, व्यायाम, दंड, पथ संचालन एवं घोष संचालन का प्रभावशाली प्रदर्शन हुआ, जो विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। इस अवसर पर मध्य क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात शास्त्रीय संगीत विशेषज्ञ पं.विनोद मिश्रा थे। मंच पर प्रांत संघचालक डॉ.प्रदीप दुबे एवं सतना विभाग संघचालक विपिन तिवारी भी विराजमान रहे।
भारत का दृष्टिकोण विश्व बंधुत्व और मैं से हम की यात्रा का है
मुख्य वक्ता स्वप्निल कुलकर्णी ने अपने संबोधन में कहा कि संघ जितना अनामिक रहेगा, उतना ही सशक्त रहेगा। भारत के उत्थान में संघ का नाम नहीं बल्कि हिंदुत्व का नाम आना चाहिए। संघ प्रदर्शन का नहीं बल्कि समाज के विश्वास निर्माण का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि संघ केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि परिवार और समाज का निर्माण करता है, जिससे समाज में भेदभाव रहित दृष्टिकोण विकसित होता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का वैभव हिंदू समाज के संगठन से आएगा। वैश्विक एकता की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी दृष्टिकोण स्वार्थ आधारित है, जबकि भारत का दृष्टिकोण विश्व बंधुत्व और मैं से हम की यात्रा का है। संघ की दैनिक शाखा संस्कार निर्माण का केंद्र होती है, जो व्यक्ति को निस्वार्थ भाव से समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करती है।
परिवार धर्म, संस्कृति एवं समाज के पोषण का केंद्र
कार्यक्रम में उपस्थित स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए श्री कुलकर्णी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता एवं हिंदू समाज की एकता आज की आवश्यकता है। हिंदू समाज को अस्पृश्यता, छुआछूत जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने परिवार संस्था की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि परिवार धर्म, संस्कृति एवं समाज के पोषण का केंद्र होता है और इसके सुदृढ़ होने से समाज भी सशक्त बनता है। उन्होंने नागरिक अनुशासन एवं शिष्टाचार के पालन का आह्वान किया और कहा कि हमारे पूर्वजों ने धर्म की सेवा की, इसलिए आज हमें इस संस्कृति को पूरे विश्व में ले जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
संघ सनातन संस्कृति का परिचय कराता है-पं. विनोद मिश्रा
मुख्य अतिथि पं. विनोद मिश्रा ने संघ की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया में बहुत कम संगठन हैं जो अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने तक अडिग रहते हैं। उन्होंने संघ के योगदान को 100 वर्षों में आदर्शों के नए कीर्तिमान के रूप में निरूपित किया और कहा कि संघ सनातन संस्कृति का परिचय कराता है, जिससे प्रेरणा लेकर वे स्वयं भी सनातन का प्रचार कर रहे हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।