धर्म/ज्योतिष

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन करे ये व्रत कथा, पूरी होगी मनचाही मुराद

पौष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से संतान के जीवन में उन्नति होती है. इतना ही नहीं अगर किसी को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है तो पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति भी हो जाती है.

 पौष पुत्रदा एकादशी तिथि

पौष शुक्ल एकादशी तिथि आरंभ: 20 जनवरी 2024 सायं 07:27 मिनट से
पौष शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त: 21 जनवरी 2023 सायं 07:28 मिनट पर
एकादशी का व्रत हमेशा सूर्योदय से प्रारम्भ होता है इसीलिए उदयातिथि के अनुसार 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।
विष्णु पूजन का समय – प्रातः 08:34 से दोपहर 12:32
पौष पुत्रदा एकादशी पारण समय- 22 जनवरी प्रातः 07:14 से प्रातः 09:21

पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व

'पुत्रदा' शब्द का अर्थ है 'पुत्रों का दाता' और चूंकि यह एकादशी हिंदू महीने 'पौष' के दौरान आती है, इसलिए इसे 'पौष पुत्रदा एकादशी' के रूप में जाना जाता है। एक वर्ष में दो पुत्रदा एकादशियां आती हैं। पहली पुत्रदा एकादशी पौष माह में और दूसरी पुत्रदा एकादशी श्रावण माह में आती है। यह एकादशी मुख्य रूप से उन जोड़ों द्वारा मनाई जाती है जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं। जो भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु भक्तों को सुख-समृद्धि और वांछित इच्छा पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में, पौष पुत्रदा एकदशी को 'वैकुंठ एकदशी', 'स्वर्गवथिल एकदशी' या 'मुक्कोटि एकदशी' के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत के प्रताप से संतान पाने की मनोकामना पूरी होती है, करियर में बच्चों को लाभ मिलता है।

ऐसी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से वंश का विस्तार होता है और संतान पर आने वाले सभी संकट दूर होते हैं. इस साल पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है और किस मुहूर्त में पूजा करने से सही फल की प्राप्ति होती है, ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य से जानते हैं.

जानिए कब है पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
पौष शुक्ल पक्ष एकादशी की तिथि 20 जनवरी 2024 को शाम 7:26 से शुरू हो रही है. 21 जनवरी शाम 7:26 तक एकादशी की तिथि रहेगी. हालांकि उदया तिथि होने के कारण 21 जनवरी को हीं एकादशी की तिथि सही है और इस दिन सुबह 8:34 से दोपहर 12:32 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. पुत्रदा एकादशी पर सुबह 7:23 से रात 7:26 तक भद्रा भी रहेगी, हालांकि भद्रा का वास स्वर्ग में होगा और स्वर्ग की भद्रा का दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होता है.

ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा तो मिलेगा विशेष फल
इस बार पुत्रदा एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त लग रहा है, जो काफी दुर्लभ है. इस योग का निर्माण 21 जनवरी की सुबह 7:26 बजे से शाम के साथ 07:23 बजे तक हो रहा है. इस योग में पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं पुत्रदा एकादशी के दिन-दान, धर्म का भी विशेष महत्व माना गया है और गरीब तथा साधु-संत को भोजन करवाने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है.

मनोहर आचार्य बताते हैं कि पुत्रदा एकादशी करने से संतान को कैरियर में लाभ मिलता है और जो पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं वह इस लोक में पुत्र पाकर मृत्यु के बाद स्वर्ग को प्राप्त करते हैं. इस व्रत को रखने से जिस फल की प्राप्ति होती है वह कई साल तपस्या करने से भी नहीं मिलता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button