राजनीति

चित्रा सरवारा और निर्मल सिंह के बाद अब अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी को कहा अलविदा, ‘AAP’ को बड़ा झटका

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। चित्रा सरवारा और निर्मल सिंह के बाद अब अशोक तंवर ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया है। हरियाणा के वरिष्ठ नेता तंवर ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है। अशोक तंवर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंध के चलते नाराज थे। उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि आम आदमी पार्टी ने जिस तरह इंडियन नेशनल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है, इससे मेरा जमीर गवाही नहीं देता है। इसलिए मैं इलेक्शन कंप्लेंट कमेटी का अध्यक्ष होने के नाते और पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से इस्तीफा देता हूं।मैं लगातार हरियाणा और भारत देश के लिए की भलाई के लिए काम करता रहूंगा।

वहीं सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के दिग्गज दलित नेता अशोक तंवर आप को अलविदा कहने के बाद 20 जनवरी को भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। तंवर का हरियाणा लंबा राजनीतिक कैरियर है। लंबे समय तक वह हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। 2019 विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा और अशोक तंवर में अनबन के चलते उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया, जिसके बाद तंवर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले अशोक तंवर ने कांग्रेस छोड़ने के करीब सवा साल बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का पटका पहना और हरियाणा में दीदी की पार्टी के अध्यक्ष बन कैडर बनाने में जुट गए। करीब 6 माहीने के बाद तंवर टीएमसी भी छोड़ दी।
 
टीमएसी को अलविदा कहने के बाद अशोक तंवर ने तेजी से उभर रही आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। इस पार्टी में वह काफी सक्रिय रहे। आप हरियाणा की चौकड़ी( सुशील गुप्ता, अनुराग ढांडा, अशोक तंवर, चित्रा सरवारा) में अशोक तंवर एक अहम कड़ी थे। वह प्रदेश स्तर के कार्यक्रमों में अपनी टीम के साथ ना सिर्फ हिस्सा लिया बल्कि सरकार ही नहीं विरोधियों को भी घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

इस बीच आप हरियाणा की चौकड़ी टूटने लगी। पहले चित्रा सरवारा ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस में घर वापसी कर ली। अब इसके बाद अशोक तंवर का भी विकेट गिर गया। हलांकि इस्तीफे में पार्टी छोड़ने का कारण उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन बताया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अशोक तंवर राज्यसभा जाने की आस लगाए थे। लेकिन उनकी उम्मीदों पानी फिरा तो वह पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना लिए। वहीं अब विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अशोक तंवर 5 साल में चौथी पार्टी बदलने वाले हैं और भाजपा ज्वाइन करते हैं।

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