मध्यप्रदेश

उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के लिए नियमों में किया बदलाव

 उज्जैन

 शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र मानी जाने वाली उज्जैन के भस्म आरती को दलालों से बचाने के लिए अब मंदिर समिति ने नई प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस प्रक्रिया के तहत 3 दिनों में बनने वाली भस्म आरती की अनुमति अब एक दिन में बन जाएगी. इसके अलावा श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए मंदिर समिति ने कई और कदम उठाए हैं.

प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती और दर्शन को लेकर दलाली के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इसमें अभी तक एक दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि कुछ लोग फरार हैं. पूरे मामले में अभी तक महाकाल थाना पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ नाम से प्रकरण दर्ज किया है.

उज्जैन के एडीएम ने क्या कहा?

इनमें महाकालेश्वर मंदिर समिति के कर्मचारी, सुरक्षा कर्मचारी और अन्य दलाल शामिल हैं. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक और उज्जैन के एडीएम अनुकूल जैन ने बताया कि भस्म आरती में होने वाली दलाली को रोकने के लिए मंदिर समिति ने बड़ा कदम उठाया है.

अब मंदिर समिति द्वारा 300 श्रद्धालुओं की ऑफलाइन अनुमति शाम 7:00 से ही प्रक्रिया के माध्यम से देगी. महाकालेश्वर मंदिर समिति ने नये नियम बनाए हैं, जिसके तहत शाम 7:00 बजे श्रद्धालुओं को नदी द्वार से फॉर्म दिए जाएंगे, जिसे 8:00 बजे तक जमा करना पड़ेगा.

इसके बाद मंदिर परिसर के एक अन्य स्थान से उन्हें फोटो खिंचवाकर तुरंत अनुमति बना दी जाएगी. रात 11:00 बजे तक यह प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. अभी तक महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को तीन दिन तक प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद भस्म आरती की अनुमति दी जाती थी.

एक आवेदन पर पांच लोगों को मिलेगी अनुमति
महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं को सुविधा देने के हिसाब से मंदिर समिति ने शुरू से ही एक आवेदन फॉर्म पर पांच लोगों को अनुमति देने का प्रावधान कर रखा है. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी. एक आवेदन से पांच लोगों को अनुमति मिल सकेगी.

महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती में ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलकर 700 लोगों को अनुमति दी जाती है. इसके अलावा जो 700 अन्य लोगों का कोटा निर्धारित किया गया है. इनमें मंदिर समिति के पुजारी, प्रोटोकॉल, राजनीतिक दल, जनप्रतिनिधियों का अलग-अलग कोटा है. हालांकि उसके लिए मंदिर समिति द्वारा प्रति श्रद्धालु 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाता है.

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