जल संसाधन मंत्री ने ई.आर.सी.पी. परियोजना की समीक्षा की
- ई.आर.सी.पी. परियोजना में मध्यप्रदेश के हितों का पूरा ध्यान रखा जाए : जल संसाधन मंत्री सिलावट
- जल संसाधन मंत्री ने ई.आर.सी.पी. परियोजना की समीक्षा की
- मंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि परियोजना से संबंधित एम.ओ.यू. का प्रारूप 1 सप्ताह में तैयार कर लिया जाए
भोपाल
जल संसाधन, मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि ई.आर.सी.पी. (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) परियोजना में मध्यप्रदेश के हितों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाए। मंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि परियोजना से संबंधित एम.ओ.यू. का प्रारूप 01 सप्ताह में तैयार कर लिया जाए।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने विभाग की अंतर्राज्यीय ई.आर.सी.पी. परियोजना की मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में समीक्षा बैठक ली। बैठक में प्रमुख सचिव, मनीष सिंह एवं प्रमुख अभियंता शिशिर कुशवाह उपस्थित रहे।
परियोजना के अंतर्गत कूनो नदी पर 564 मि.घ.मी. क्षमता के श्रीमंत माधवराव सिंधिया कॉम्पलेक्स (06 बाँध) का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे 2,04,670 हे. क्षेत्र में सिंचाई होगी। इसमें 38 मि.घ.मी. जल पेयजल एवं उद्योगों के लिए आरक्षित होने से प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर एवं गुना जिले लाभांवित होंगे। परियोजना अंतर्गत पार्वती नदी पर 182 मि.घ.मी. क्षमता के कुम्भराज बाँध कॉम्पलेक्स का निर्माण होना है। इससे पेयजल के लिए 10 मि.घ.मी. जल आरक्षित किये जाने के साथ 54,000 हे. क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। साथ ही कालीसिंध नदी पर कुण्डालिया बाँध के अपस्ट्रीम में 179 मि.घ.मी. क्षमता का रणजीत सागर बाँध का निर्माण किया जाना है, जिससे 53,700 हे. क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त कालीसिंध उप बेसिन की लखुंदर सहायक नदी पर लखुँदर बैराज का निर्माण किया जाएगा। इसमें 330 मि.घ.मी. जल बैलेंसिंग रिजवर्यर के माध्यम से गांधी सागर बांध में अंतरण कर प्रतिस्थापन के आधार पर ऊपरी चंबल कछार में प्रस्तावित 07 बांधों सोनचिरी, रामवासा, बचौरा, पदुनिया, सेवरखेड़ी, चितावद एवं सीकरी सुलतानपुरा का निर्माण किया जाएगा। इससे जल अभाव ग्रस्त मालवा क्षेत्र की 1 लाख हे. भूमि पर सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। इस परियोजना से उज्जैन, इंदौर एवं देवास जिले लाभांवित होंगे।