खेल-जगत

प्रतीका रावल बोलीं – मनोविज्ञान की छात्रा होने से क्रिकेट में काफी मदद मिली

नयी दिल्ली.
भारत की युवा क्रिकेटर प्रतीका रावल ने कहा कि मनोविज्ञान की छात्रा होने से उन्हें सीनियर महिला टीम में अपनी जगह पक्की करने में मदद मिली क्योंकि उन्हें मानसिक पहलू के महत्व के बारे में पता था। प्रतीका ने वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में हुई महिला वनडे श्रृंखला में शानदार पदार्पण करके स्मृति मंधाना के साथ पारी की शुरूआत के लिये अपना दावा पक्का किया है। प्रतीका ने पहले दो मैचों में 40 और 76 रन बनाये।

चौबीस वर्ष की प्रतीका ने कहा कि मनोविज्ञान में उनकी गहरी रूचि और क्रिकेट के लिये प्यार ने भारतीय टीम तक उनका सफर आसान किया। उन्होंने बीसीसीआई द्वारा ‘एक्स’ पर साझा किये गए वीडियो ‘प्रतीका रावल : मनोविज्ञान का क्रिकेट से मिलन’ में कहा, ‘‘मैं इंसानी दिमाग के बारे में पढना चाहती थी। जब मैने पढना शुरू किया तो मैं जानना चाहती थी कि हम मैदान पर और उससे बाहर हालात का सामना कैसे करते हैं। इससे मुझे क्रिकेट में भी काफी मदद मिली।’’

दिल्ली की इस क्रिकेटर ने कहा, ‘‘जब मैं मैच से पहले मैदान पर होती हूं तो खुद से काफी सकारात्मक बातें करती हूं। मैं अभी क्या करना चाहती हूं और भविष्य में क्या करूंगी। बल्लेबाजी के दौरान भी मैं खुद से कहती हूं कि तुम बेस्ट हो और यह कर सकती हो।’’ आयरलैंड के खिलाफ आगामी वनडे श्रृंखला के लिये टीम में जगह बरकरार रखने वाली रावल ने कहा, ‘‘मैं मॉडर्न स्कूल बाराखम्बा में पढती थी। मेरे परिवार का जोर शिक्षा पर हमेशा रहा हालांकि क्रिकेट के लिये अपने प्यार और जुनून से मुझे इनकार नहीं है। मैं हमेशा से क्रिकेट ही खेलना चाहती थी। ’’

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