मध्यप्रदेश

शासकीय विद्यालयों के 600 विद्यार्थी करेंगे अपनी सांस्‍कृतिक प्रतिभा का प्रदर्शन

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्कूल शिक्षा विभाग के सांस्‍कृतिक कार्यक्रम "अनुगूंज 2024-25" का 10 जनवरी को शुभारंभ करेंगे। स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम 10 जनवरी को सांय 05:30 बजे से शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय, भोपाल में होगा। अनुगूँज के प्रथम भाग 'धनक' के अंतर्गत गायन-वादन के साथ ही भारत के विविध शास्‍त्रीय नृत्‍य मोहनीअट्टम, भरतनाट्यम, ओडिसी और कथक नृत्‍य आदि की मनमोहक प्रस्‍तुतियॉं होगी। वहीं कार्यक्रम के द्वितीय भाग 'रंगकार' में प्रसिद्ध नाटक "चरन दास चोर" का मंचन विद्यार्थियों द्वारा किया जायेगा। इन सभी प्रस्तुतियों में सहभागी विद्यार्थियों ने मात्र 1 माह की अल्पावधि में इन प्रस्तुतियों के लिए खुद को तैयार किया है। आत्‍मानुशासन, लगन, उत्साह और जोश के साथ विभिन्‍न शासकीय विद्यालयों के लगभग 600 विद्याथियों ने अपनी अभिव्यक्ति को नए सोपान देने का प्रयास अनुगूँज में किया जायेगा।

विभाग द्वारा अनुगूँज के आकल्पन को आकार देने के लिए प्रदेश के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त रंगकर्मी और कलाकारों को मेंटोर्स के रूप में संयोजित किया गया है। इन मेंटोर्स ने एक कुशल मार्गदर्शक के रूप में इस विशेष कार्यक्रम और भविष्य के लिए भी इन विद्यार्थियों को विभिन्न कलाओं में पारंगत कराया है।

अनुगूंज समारोह, स्कूल शिक्षा विभाग का एक रचनात्मक प्रयास है, जो विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ उनके रचनात्मक और सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। राज्‍य स्‍तरीय आयोजन में राजधानी भोपाल की शासकीय शालाओं के लगभग 600 विद्यार्थी सहभागिता करेंगे। प्रदेश के राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त कलाकार विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहें है, जिनमें पद्मविभूषण पंडित जसराज जी की शिष्‍या और वरिष्‍ठ ख्‍याल गायिका डॉ. नीलांजना वशिष्‍ठ, मोहनीअट्टम नृत्‍य की शीर्षस्‍थ कलाकार और गुरू सुश्री कविता शाजी, भरतनाट्यम शैली की शीर्षस्‍थ नृत्‍य गुरू सुश्री भारती होम्‍बल, ओडिसी नृत्‍य की अंतर्राष्‍ट्रीय ख्‍यातिप्राप्‍त नृत्‍य गुरू सुश्री बिंदु जुनेजा और शिखर सम्‍मान से विभूषित रायगढ घराने की नृत्‍य गुरू डॉ. विजया शर्मा के साथ ही प्रयोगधर्मी नाट्य निदेशक श्री सौरभ अनंत जैसे शीर्षस्‍थ कला मनीषी शामिल हैं।

"एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत" की अवधारणा पर सजी अनुगूँज की इन प्रस्‍तुतियों को साकार करने के लिए विशाल मंच का निर्माण भी दक्षिण भारत के 900 वर्ष प्राचीन चंकेश्‍वर महादेव मंदिर के प्रादर्श पर तैयार किया गया है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button