खेल-जगत

रोहित शर्मा ने कहा कि वह न तो हटाये गये हैं और न ही उनका सन्यास का कोई इरादा है

सिडनी
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के पांचवें और निर्णायक टेस्ट मैच के लिए टीम से बाहर होने के बाद चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह न तो हटाये गये हैं और न ही उनका सन्यास का कोई इरादा है। अपने टेस्ट क्रिकेट भविष्य के बारे में रोहित ने शनिवार को एक साक्षात्कार के दौरान यह बातें कहीं। भारतीय कप्तान ने दृढ़ता से कहा कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की उनकी कोई योजना नहीं है। आस्ट्रेलियाा के खिलाफ पांचवें एवं निर्णायक टेस्ट के लिए 16 सदस्यीय टीम से रोहित को बाहर किए जाने से ड्रेसिंग रूम में संभावित तनाव के बारे में मीडिया में अटकलें लगने लगीं थी जबकि मुख्य कोच गौतम गंभीर द्वारा मैच के लिए रोहित की उपलब्धता की पुष्टि करने से इंकार करने से इन अटकलों को हवा मिली थी।
रोहित ने कहा कि उनका टीम से हटना पूरी तरह से स्वैच्छिक था और टीम की जरुरतों के मुताबिक था। उन्होंने कहा, “यह संन्यास का फैसला नहीं है। मैं इस खेल से दूर नहीं जा रहा हूं। ऐसे महत्वपूर्ण मैच के लिए टीम को इन-फॉर्म खिलाड़ियों की जरूरत थी।” उन्होंने भारत के आगामी इंग्लैंड दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मैं अब से दो महीने या पांच महीने बाद रन बनाऊंगा। मेरा मानना है कि चीजें बदल जाएंगी, लेकिन साथ ही, मुझे यथार्थवादी होना होगा।” रोहित ने आलोचकों को सीधा जवाब देते हुये कहा, “बाहरी राय उनके करियर के फैसले तय नहीं करेगी। कमेंटरी बॉक्स में बैठे लोग या हाथ में लैपटॉप लेकर लिखने वाले लोग यह तय नहीं करेंगे कि मेरी जिंदगी कैसे गुजरेगी।
मैंने यह गेम काफी समय तक खेला है और यह मै तय करुंगा कि मैं कब खेलूंगा, कैसे खेलूंगा, कब कप्तानी करूंगा या कब पद छोड़ूंगा।” एक पिता के रूप में अपनी जिम्मेदारियों की तुलना करते हुए रोहित ने कहा, “मैं एक समझदार और परिपक्व व्यक्ति हूं, दो बच्चों का पिता हूं। मेरे पास दिमाग है और मैं जानता हूं कि मुझे अपने जीवन से क्या चाहिए।”

 

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