मध्यप्रदेश

जनकल्याण के क्षेत्र में जिलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स को मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान को गति देने और नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान कर सुव्यवस्था स्थापित करने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला किस तरह अग्रणी हो, इसके लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में विभिन्न योजनाओं में अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य 22 जनवरी तक पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में कलेक्टर की भूमिका विकास कार्यों और जनकल्याण की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है। समाज के युवाओं, किसानों, महिलाओं और गरीबों के कल्याण के लिए योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिला कलेक्टर की पहचान कार्य और जनकल्याण के कार्यक्रमों के श्रेष्ठ क्रियान्वयन के आधार पर ही बनेगी। कुछ क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियों का आवश्यक प्रचार भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से किया जाए। इससे अन्य जिलों में अधिकारियों और अन्य सभी को भी ऐसे कार्यों को करने की प्रेरणा मिलेगी।

कलेक्टर, देखें रैन बसेरों की व्यवस्थाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सर्दी में रैन बसेरों में रहने वाले व्यक्तियों की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करें। समय-समय पर रैन बसेरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लें। इसके साथ ही कलेक्टर, थानों का आकस्मिक निरीक्षण भी करें। जिले की घटनाओं पर कलेक्टर की बारीक नजर होना चाहिए। जनप्रतिनिधियों से संवाद और सम्पर्क में कमी नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सेवा के महत्वपूर्ण सेक्टर्स में जिलों में ऐसे आयोजन हों, जो जिले के महत्व को बढ़ाते हों।

टी.बी. रोग नियंत्रण में गतिविधियां बढ़ाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निक्षय अभियान में देश के 347 जिले चिन्हित कर विशेष प्रयास कर क्षय रोग के नियंत्रण का अभियान प्रारंभ किया। यह अभियान आगामी 24 मार्च तक चलेगा। निक्षय अभियान में मध्यप्रदेश में 23 जिले चिन्हित किए गए हैं। प्रदेश में इस अभियान को गति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के 5 जिले मंदसौर, नरसिंहपुर, मंडला, बैतूल और खंडवा इस अभियान के क्रियान्वयन में शीर्ष पर हैं। इसी तरह टी.बी. रोगियों को फूड-बॉस्केट के वितरण में जबलपुर, नरसिंहपुर, मंदसौर, अनूपपुर और मंडला सबसे आगे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टी.बी. नियंत्रण के कार्य में कलेक्टर विभिन्न नवाचार भी कर सकते हैं।

स्वास्थ्य संचालक ने जानकारी दी कि मंदसौर में एक्सरे मशीन की खरीदी, सीहोर में जनप्रतिनिधियों द्वारा एक-एक टी.बी. रोगी की देखभाल का प्रण लेने और उज्जैन एवं नीमच में टी.बी. रोगियों के पंजीयन और उपचार के कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से किए गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेडक्रास सोसायटी, एनसीसी और एनएसएस जैसे संगठनों का टी.बी. उन्मूलन अभियान के लिए सहयोग प्राप्त किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आयुष्मान योजना में निर्धन वर्ग के नागरिकों की सहायता के लिए जिलों में समन्वय पूर्वक सहायता के कार्य किए जाएं।

मुख्य सचिव अनुराग जैन द्वारा प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया के रोगियों के उपचार के संबंध में कलेक्टर को निर्देशित किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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