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4 जनवरी को बुलाई महापंचायत, किसानों ने सुप्रीम कोर्ट के पैनल से मिलने से किया इनकार

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बीच किसानों के मुद्दों पर होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है। एसकेएम ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त समिति के अध्यक्ष और पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह की अगुवाई में आयोजित की जाने वाली थी। इसका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को सुलझाना था।

एसकेएम ने एक बयान जारी कर कहा कि वह 3 जनवरी को होने वाली बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे। किसान संगठन का कहना है कि समिति का ध्यान मुख्य रूप से हाईवे ब्लॉक को हटाने पर है, जबकि किसानों के मूल मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही है। समिति को शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से संपर्क साधने और उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग से अपने ट्रैक्टर और तंबू हटाने के लिए मनाने का कार्य सौंपा गया है, ताकि पंजाब और हरियाणा के लिए रास्ते खोले जा सकें।

आपको बता दें कि सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति का गठन किया था, जिसका नेतृत्व पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह कर रहे हैं। फरवरी 2024 से किसान संगठनों की विभिन्न शाखाओं के किसान दिल्ली जाने के रास्ते में शंभू और अन्य बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल 37वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। उनकी तबीयत भी बिगड़ चुकी है। दल्लेवाल ने कहा है कि वह तब तक अपना उपवास नहीं तोड़ेंगे जब तक सरकार 24 फसलों के लिए कानूनी गारंटी नहीं देती। किसानों ने शनिवार को विरोध स्थल पर 'किसान महापंचायत' का आह्वान किया है। एसकेएम के नेता काका सिंह कोटरा ने कहा, "4 जनवरी को हम एक बड़ी किसान महापंचायत आयोजित करेंगे, जिसमें विभिन्न राज्यों से किसान भाग लेंगे।" किसान नेता अभिमन्यु कोहड़ ने कहा कि दल्लेवाल भी महापंचायत में संबोधन कर सकते हैं।

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