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राजस्थान-जयपुर में जनवरी के तीसरे सप्ताह ऑक्शन में जुटेंगे देश-प्रदेश के मिनरल शोध विशेषज्ञ

जयपुर।

राज्य में खनिज संपदा की वैज्ञानिक तरीके से एक्सप्लोरेशन संभावनाओं पर मंथन करने के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह में देश व प्रदेश की सरकारी-गैरसरकारी संस्थाओं के विशेषज्ञ प्रतिनिधि जयपुर में जुटेंगे। राज्य के माइंस, जियोलोजी और पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की विपुल खनिज संपदा के एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देने और इसमें केन्द्र व राज्य की संस्थाओं के साथ ही निजी क्षेत्र की एक्सप्लोरेशन संस्थाओं की भागीदारी की संभावनाओं पर भी मंथन किया जाएगा।

उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए मंथन को उपादेय व विशेषज्ञों की भागीदारी तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार के नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की सहभागिता भी रहेगी। प्रमुख सचिव माइंस श्री टी. रविकान्त ने बताया कि प्रदेश में 82 प्रकार के खनिज उपलब्ध है उनमें से अभी 57 खनिजों का ही खनन हो रहा है। केन्द्र सरकार के नए प्रावधानों के अनुसार क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के ऑक्शन का कार्य पहली बार केन्द्र सरकार ने अपने हाथ में लिया है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में एक्सप्लोरेशन का कार्य कर रही संस्थाओं की भी भागीदारी तय करने का निर्णय किया है। इसी कड़ी में एक्सप्लोरेशन लाइसेंस ईएल के लिए भी खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जाने लगी है। टी. रविकान्त ने बताया कि जयपुर में आयोजित एक दिवसीय मंथन में केन्द्र सरकार के माइंस मंत्रालय, जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एमईसीएल, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, एटोमिक मिनरल डिपार्टमेंट के साथ ही केन्द्र सरकार की एंपेनल्ड निजी क्षेत्र की एक्सप्लोरेशन संस्थाएं और विभाग के अधिकारियों की भागीदारी तय की जाएगी।  इसके साथ ही इस क्षेत्र में कार्य कर रही प्रादेशिक संस्थाओं के साथ ही केन्द्र सरकार द्वार अधीकृत संस्थाओं के हिस्सा लेने से प्रदेश में मिनरल एक्सप्लोरेशन की संभावनाओं के साथ ही भविष्य के रोड़मेप तैयार करने में भी सहायता प्राप्त होगी। रविकान्त ने बताया कि मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में राजस्थान समूचे देश में शीर्ष पर आ गया है। प्रदेश में क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के भी अच्छे संकेत मिले हैं। ऐसे में प्रदेश की खनिज संपदा के एक्सप्लोरेशन में नवीनतम तकनीक के उपयोग और एक्सप्लोरेशन के सटीक विश्लेषण में सहयोग प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश में खनिज खोज कार्य को गति मिलेगी। माइंस व भूविज्ञान विभाग स्तर पर आवश्यक तैयारियों की मॉ​निटरिंग निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल कर रहे हैं। वहीं विभाग द्वारा आवश्यक तैयारियों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की कोर टीम का गठन किया गया है।

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