मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश सरकार ने पांच साल में बेंची 101 सरकारी संपत्तियां, भोपाल में RTO Office के विक्रय की भी थी तैयारी

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने पांच साल में 110.88 करोड़ रुपये में 101 सरकारी संपत्तियां बेच दीं। यह संपत्तियां प्रदेश में और प्रदेश के बाहर स्थित थीं। वर्ष 2020 में बनाए गए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के अस्तित्व में आने के बाद ये संपत्तियां बेची गईं। राज्य परिवहन निगम के बस डिपो, विभिन्न बोर्ड की जमीन, सरकारी कार्यालय, जेल विभाग की भूमि सहित कुल 101 सरकारी संपत्तियों का विक्रय किया गया। हालांकि, इस वित्तीय वर्ष में कोई भी सरकारी संपत्ति बेचने का प्रस्ताव नहीं है।
 
कहां-कितनी संपत्तियां बेंची
ग्वालियर की 19 संपत्तियां, इंदौर की 13, भोपाल की चार, जबलपुर की तीन, उज्जैन की छह, मुरैना की तीन, नर्मदापुरम तीन, भिंड दो, बालाघाट की तीन सहित कुल 101 सरकारी संपत्तियां विक्रय की गई है। 4,44,941.88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की परिसंपत्ति का विक्रय किया गया है।

क्यों बेंची जाती है सरकारी संपत्तियां
नियमानुसार, ऐसी शासकीय संपत्तियां, जिनका वर्तमान स्थिति में उपयोग नहीं है, उन्हें चिह्नित कर उनका विक्रय किया जाता है। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग इन संपत्तियों को चिह्नित करता है और उन्हें नीलाम करता है। इससे सरकार को आय अर्जित होती है। उपयोग में नहीं आ रही संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया निर्धारित है। राज्य शासन की संबंधित जिले में स्थित अनुपयोगी परिसंपत्तियों की नीलामी विक्रय जिला नजूल निर्वर्तन समिति से प्राप्त एवं कार्यपालिका समिति द्वारा निर्णय के आधार पर किया जाता है। जिले में शासन की अनुपयोगी परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए जिला कलेक्टर समक्ष अधिकारी होता है।

भोपाल में आरटीओ कार्यालय के विक्रय की भी थी तैयारी
भोपाल की प्राइम लोकेशन पर स्थित आरटीओ और मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम की संपत्ति भी विक्रय करने की तैयारी थी, लेकिन बाद में आरटीओ कार्यालय भाजपा को किराए पर दिए जाने से फिलहाल इस संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया रोक दी गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button