छत्तीसगड़

छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए नहीं पड़ेगा इधर-उधर भटकना, घर बैठे लगवाएं

रायपुर

वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए वाहन मालिकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्हें यहां-वहां भटकने की कतई जरूरत नहीं है। वे घर बैठे कंपनी के कर्मचारियों को बुलाकर नंबर प्लेट लगवा सकते हैं।

यह नई सुविधा परिवहन विभाग ने शुरू की है, ताकि वाहन मालिकों को इधर-उधर भटकना न पड़े। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में अब वाहन मालिक अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए दो अधिकृत वेंडरों के कर्मचारियों को सुविधा के अनुसार अपने घर बुला सकते हैं।

यह योजना एक अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों पर लागू की गई है। नंबर प्लेट लगाने के लिए विभाग ने मेसर्स रियल मेजान इंडिया लिमिटेड और मेसर्स रास्मेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड को अधिकृत वेंडर नियुक्त किया है। वे विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर ही नंबर प्लेट लगाएंगे।

घर पहुंच सेवा का शुल्क अलग से लगेगा
साथ ही परिवहन दफ्तरों को अलग-अलग जोन में बांटा गया है, ताकि लोग नंबर प्लेट लगवा सकें। अधिकारियों ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट cgtransport.gov.in पर लॉग इन करना होगा। ऑनलाइन बुकिंग के लिए, डिजिटल मोड का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

हर इंस्टालेशन के लिए 100 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। घर पहुंच सेवा के लिए भी अतिरिक्त शुल्क लगेगा। एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवाने के लिए ध्यान रखना होगा कि रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन मालिक का मोबाइल नंबर वाहन पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए।

अगर नंबर दर्ज नहीं है तो पहले नंबर दर्ज कराना होगा। पोर्टल में नंबर होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ गाड़ी का चेसिस नंबर भी डालना होगा। इसके बाद, मोबाइल से वेरिफिकेशन होगा।

2019 से पुराने वाहनों की बदलेंगे नंबर प्लेट
प्रदेश में वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना अनिवार्य किया है। अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने वेंडरों को कहा है कि अब सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाना ही होगा।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का खर्च
    365 रुपये दोपहिया के लिए
    427 रुपये तीनपहिया के लिए
    656 रुपये चारपहिया के लिए
    705 रुपये भारी वाहनों के लिए

नंबर प्लेट की खासियत
इसमें एक यूनिक कोड होता है, जिसमें उस गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी होती है। इसे निकाला नहीं जा सकता। इसमें दो नंबर प्लेट और तीसरा नंबर प्लेट भी होता है, जो विंड सीट में लगता है। जनरेटिव एआई की सुविधा फिलहाल एक्सपेरिमेंट के तौर पर उपलब्ध है।

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