रूस और भारत के बीच वीजा फ्री ट्रैवल की शुरुआत जल्द, नए साल में करने जा रहा ये काम
मॉस्को
रूस और भारत के गहराते रिश्तों के बीच भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. अब भारत के लोग जल्द ही बिना वीजा के रूस घूम सकते हैं. भारत और रूस के बीच 2025 में इसे लेकर एक सिस्टम विकसित होने की संभावना है. इससे पहले जून में ऐसी रिपोर्टें सामने आई थीं कि भारत और रूस ने वीजा फ्री ट्रैवल के लिए एक-दूसरे के वीजा प्रतिबंधों को कम करने के लिए द्विपक्षीय समझौते पर चर्चा की है.
रूस ने भारतीयों के लिए अगस्त 2023 से ई-वीजा की शुरुआत की थी जिसकी प्रक्रिया पूरे होने में लगभग 4 दिन लगते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल रूस ने जितने ई-वीजा जारी किए, उसमें भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल था. रूस ने भारतीयों को 9,500 ई-वीजा दिए.
वर्तमान में भारत के नागरिकों को रूस में एंट्री करने, वहां रहने और बाहर निकलने के लिए रूसी दूतावास या फिर वाणिज्य दूतावास की तरफ से जारी वीजा लेना जरूरी होता है जो कि एक लंबी प्रक्रिया है.
रिकॉर्ड संख्या में रूस जा रहे भारतीय
ज्यादातर भारतीय बिजनेस या अपने काम के सिलसिले में रूस जाते हैं. 2023 में, रिकॉर्ड 60,000 से ज्यादा भारतीयों ने रूस का दौरा किया जो 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत ज्यादा है.
रूस अपने वीजा फ्री टूरिस्ट एक्सचेंज के तहत चीन और ईरान के यात्रियों को वीजा फ्री एंट्री दे रहा है. चीन और ईरान के साथ रूस का यह सहयोग सफल रहा है जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि भारत के साथ भी ऐसा ही सिस्टम शुरू किया जाएगा.
वर्तमान में भारतीय पासपोर्टधारियों को 62 देशों में वीजा फ्री एंट्री का अधिकार हासिल है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में भारत का पासपोर्ट 82वें स्थान पर है जिसकी मदद से भारतीय इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड जैसे ट्रैवल डेस्टिनेशन्स पर बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन प्राधिकरण (IATA) के डेटा के आधार पर जारी किया जाता है. इंडेक्स मानता है कि किसी देश का पासपोर्टधारी सभी बुनियादी एंट्री जरूरतों को पूरा करता है, अकेले यात्रा करने वाले वयस्क नागरिक है, और कम समय के प्रवास या घूमने या फिर बिजनेस के मकसद से एंट्री चाहता है. इस इंडेक्स में हालांकि, राजनयिक यात्रा, आपातकालीन या अस्थायी पासपोर्ट और ट्रांजिट स्टे शामिल नहीं है.