विदेश

जॉर्जिया के राष्ट्रपति चुने गए मिखाइल कवेलशविली

तब्लीसी.

जॉर्जिया के सत्तासीन दल जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने मिखाइल कवेलशविली को देश का नया राष्ट्रपति नियुक्त किया है। एक फुटबॉलर से एक धुर-दक्षिणपंथी नेता बने कवेलशविली की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब जॉर्जिया में अक्तूबर में हुए चुनावों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। चुनाव में लोगों ने घूसखोरी से लेकर दो बार वोटिंग की घटनाओं तक के आरोप लगाए हैं।

कवलेशविली अपनी पार्टी में राष्ट्रपति पद के इकलौते उम्मीदवार रहे। शनिवार को इस पद के लिए उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया गया। हालांकि, कवलेशविली के चुने जाने के बाद जॉर्जिया में विपक्ष ने संसद का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्षी सांसदों ने अपने इस फैसले के पीछे अक्तूबर में लगे धांधली के आरोपों का हवाला दिया।

जॉर्जिया में क्या रहे चुनावी नतीजे
जॉर्जिया में सात साल पहले एक संविधान संशोधन के बाद चुनावों का तरीका बदला गया था। इस साल अक्तूबर में हुए चुनाव में रूस समर्थक जॉर्जियन ड्रीम पार्टी को 53.9 फीसदी वोट मिले थे। उसने संसद की 150 में से 89 सीटें हासिल कीं। इस चुनाव में हुई वोटिंग के बाद विपक्ष ने राजधानी तब्लीसी में प्रदर्शन किया था। विपक्षी दलों का आरोप था कि चुनाव में धांधली हुई है। दूसरी तरफ दो अमेरिकी सर्वे एजेंसियों ने भी इन चुनाव नतीजों में गड़बड़ियों के संकेत दिए। चौंकाने वाली बात यह है कि 26 अक्तूबर को चुनावी नतीजे आने के बाद से ही जॉर्जिया में हर दिन प्रदर्श जारी हैं। हालांकि, सरकार ने जब यह एलान किया कि वह यूरोपीय संघ के साथ जाने की वार्ता को 2028 तक के लिए टाल रही है, तब यह प्रदर्शन उग्र हो गए। इसके जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले से लेकर पानी की बौछारों तक का इस्तेमाल किया है। वहीं  400 से ज्यादा गिरफ्तारियां भी हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कवेलशविली 1990 के दौर में प्रीमियर लीग क्लब मैनचेस्टर सिटी के स्ट्राइकर रह चुके हैं। उन्होंने 2022 में ही जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के दो सांसदों के साथ मिलकर पीपुल्स पावर नाम का समूह शुरू किया था। यह समूह अपने पश्चिम विरोधी एजेंडे के लिए काफी चर्चित रहा है।

लोगों ने फुटबॉल खेलकर किया विरोध
बताया गया है कि जॉर्जिया में राष्ट्रपति के लिए वोटिंग से ठीक पहले बड़ी संख्या में लोग संसद के बाहर प्रदर्शनों के लिए जुटे। बर्फबारी के बावजूद इन लोगों ने फुटबॉल खेला और संसद की तरफ रेड कार्ड दिखाया। यह कवेलशविली के पिछले करियर को देखते हुए उनके खिलाफ प्रदर्शन का नया तरीका था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button