उत्तर प्रदेश

देश में पहली बार छावनी अस्पताल में श्रद्धालुओं के इलाज में भाषा नहीं बनेगी बाधा, एआई ट्रांसलेटर करेगा मदद

प्रयागराज

महाकुंभ में देश-दुनिया के श्रद्धालु संगमनगरी में जुटेंगे। इस दौरान बाहरी राज्यों या विदेश से आए श्रद्धालु बीमार पड़ते हैं तो भाषा की दिक्कत से उनका इलाज नहीं रुकेगा। वह एआई ट्रांसलेटर एप की मदद से डॉक्टर को अपनी भाषा में बीमारी के बारे में बता सकेंगे।

एप उनकी बोली गई भाषा को हिंदी या अंग्रेजी में बदलेगा। देश में पहली बार छावनी सामान्य अस्पताल के आईसीयू वार्ड में इसका इस्तेमाल होगा। एआई ट्रांसलेटर एप में देश की 22 और विदेश की 19 भाषाएं हैं। जिनको एप हिंदी या अंग्रेजी में बदलेगा।

इस एप में तमिल, तेलगु, मलयालम, बंगाली सहित अन्य राज्यों की भाषाएं हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अंग्रेजी, अरबी, फ्रेंच समेत 19 भाषाएं हैं। देश-विदेश से आए मरीजों को इलाज में सहूलियत देने के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड के छावनी अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों के फोन में एप को इंस्टाल कराया जाएगा।

महाकुंभ को देखते हुए मेला क्षेत्र में पहली बार 30 बेड के आईसीयू की व्यवस्था भी की गई है। इसमें सेंट्रल हॉस्पिटल व अरैल के सब हॉस्पिटल में 10-10 बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं, झूंसी के सब हॉस्पिटल में 10 बेड आईसीयू की सुविधा रायबरेली एम्स देगा।

जबकि छावनी सामान्य अस्पताल अपने 20 आईसीयू बेड में एआई ट्रांसलेटर की सुविधा देगा। इसमें मरीजों के बेड के बगल में माइक लगा होगा। वह अपनी भाषा में डॉक्टर से संवाद कर सकेंगे और चिकित्सक जो भी बोलेंगे वह मरीज को उनकी भाषा में समझ आएगा। कैंटोनमेंट बोर्ड का दावा है कि अभी तक इस पद्धति का इस्तेमाल देश के किसी हॉस्पिटल में नहीं किया गया है।

अस्पताल में लगेंगे एआई कैमरे
छावनी सामान्य अस्पताल एआई कैमरों से लैस होंगे। इन कैमरों के जरिये लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों पर निगरानी रखेंगे। एआई कैमरों की मदद से मरीजों की तबीयत बिगड़ने की सूचना स्वत: ही डॉक्टर के पास पहुंच जाएगी।

महाकुंभ को देखते हुए मरीजों के इलाज में एआई ट्रांसलेटर एप का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह प्रयोग देश के किसी अस्पताल में पहली बार हो रहा है। – एसके पांडेय, निदेशक छावनी सामान्य अस्पताल।

 

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