पुलिस प्रशिक्षण सत्र में संविधान और सेवा के आदर्शों पर जोर
भोपाल
मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी एवं पुलिस प्रशिक्षण शाला (पीटीएस), भौंरी में आयोजित 15 दिवसीय कार्यवाहक निरीक्षक एवं कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक इण्डक्शन सत्र का समापन समारोह पाँच दिसंबर को संपन्न हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) दिनेश चंद्र सागर ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक पीटीएस, श्रीमती रश्मि पांडे द्वारा किया गया, जिन्होंने प्रशिक्षण सत्र की विभिन्न गतिविधियों और विषय-वस्तु पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को नवीन कानून, सायबर अपराध, महिला सुरक्षा, किशोर न्याय, विवेचना की सावधानियां, और कार्य में 360° दृष्टिकोण रखने का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
संविधान के दायरे में रहते हुए करें उत्कृष्ट कार्य
मुख्य अतिथि दिनेश चंद्र सागर ने अपने संबोधन की शुरुआत संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन करवाते हुए की। उन्होंने पुलिसकर्मियों को संविधान के दायरे में रहते हुए उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि ड्यूटी और जनसेवा के प्रति निष्ठा ही सफलता का आधार है।
एडीजी सागर ने रामायण के "विजय रथ" प्रसंग का उल्लेख करते हुए पुलिसकर्मियों में शौर्य, धैर्य, सत्य, शील, बल, विवेक, आत्मनियंत्रण, क्षमा, कृपा और समता जैसे 12 गुणों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य कवियों की कविताओं का उद्धरण देते हुए जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही।
स्वास्थ्य और परिवार पर ध्यान देने की सलाह
सागर ने पुलिस की व्यस्त नौकरी में स्वास्थ्य, संतुलित आहार, योग और ध्यान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने फास्ट फूड से बचने और समय का सदुपयोग करने की सलाह दी। साथ ही, पुलिसकर्मियों को अपने परिवार, विशेषकर बच्चों की पढ़ाई में मदद करने और उनके साथ संवाद बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अन्य मुख्य अंश
इस अवसर पर प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का मंच संचालन निरीक्षक श्रीमती अनीता नागवंशी ने किया, और अंत में सहायक निदेशक (प्रशासन/प्रशिक्षण) नीरज पांडे ने आभार व्यक्त किया।
यह सत्र पुलिसकर्मियों के व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज में उनकी भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।