राजनीति

संसद के शीतकालीन सत्र में सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने OCCRP रिपोर्ट का मुद्दा उठाया

नई दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने OCCRP रिपोर्ट का मुद्दा उठाया है. उन्होंने इसके पीछे की विदेशी साजिश से भी पर्दा उठाया है. MP सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब भी संसद का सत्र चल रहा होता है. उसी समय विदेशों में कोई ना कोई रिपोर्ट सामने आ जा जाती है. ये केवल भारत की छवि खराब करने की कोशिश है. बता दें कि OCCRP का मतलब ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट है. यह खोजी पत्रकारों का एक ग्लोबल नेटवर्क है, जिसकी हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है.

‘भारत की व्यवस्था पर हो रहा आक्रमण’
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सदन में कहा कि, ‘जब से भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उभरती हुई आर्थिक, सामरिक, और कूटनीतिक शक्ति बनकर उभरा है और जब से भारत को विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है कि विदेश की बहुत सी ऐसी गतिविधिया हैं. जो भारत की व्यवस्था के आर्थिक, नैतिक, सामाजिक पर आक्रमण कर रही हैं. इस संदर्भ में हाल ही में एक जानकारी सामने आई है, जिसे हम कह सकते हैं कि ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट. इसके खोजी पत्रकारों की रिपोर्टिंग के आधार पर एक फ्रेंच पब्लिकेशन ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.’

‘ये भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट को विदेशी सरकारों की फंडिंग है और उसका फोकस भारत पर भी है. विदेशी फंडिंग के साथ-साथ ओसीसीआरपी का संबंध जॉर्स सोरेस के साथ भी है. विगत तीन वर्षों से ये क्या सिर्फ संयोग है कि जिस समय भारत की संसद का सत्र चलता है, उसी समय कोई रिपोर्ट सामने आ जाती है.’ उन्होंने कहा कि इस तरह कि रिपोर्ट्स के जरिए से लगातार भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.’

कब-कब आईं कौन-कौन सी रिपोर्ट्स
सुधांशु त्रिवेदी ने इस बात भी जोर दिया है कि बीते तीन सालों से ये एक ट्रेंड बन गया है कि जब भी देश में संसद चल रही होती है तभी विदेश में एक रिपोर्ट आ जाती हैं, जिनमें भारत को लेकर कुछ न कुछ अनर्गल दावे किए होते हैं. उन्होंने कहा, ‘पूर्व में भारत के किसानों को लेकर रिपोर्ट सामने आई, तब भी संसद सत्र चल रहा था और इसी तरह पेगासस और हिंडनबर्ग रिपोर्ट भी लगभग उसी समय सामने आईं, जब भारत की संसद का सत्र या तो चल रहा था या शुरू होने वाला था.’ उन्होंने सवाल खड़ा किया है क्या ये महज संयोग है.

विपक्ष पर देते नहीं बना जवाब!
OCCRP मसले पर विपक्ष पर कोई ठोस जवाब नहीं था, उसके सांसद सदन में जोरदार हंगामा मचाने लगे. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने OCCRP मसले को बहुत ही गंभीर बताया. उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर इस पर चर्चा करनी चाहिए. साथ ही उन्होेंने कहा कि हम किसी भी डिपस्टेट को अपने लोकतंत्र को डिफंक्शन करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं. सदन को एकजुट होकर इस तरह की ताकतों से मुकाबला करना चाहिए, क्योंकि वे देश की अखंडता के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती हैं.

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