बांग्लादेश में सनातनी पर हमला मानवता और धर्म के लिए एक गंभीर चुनौती, सनातन चेतना मंच ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
सतना के रामना टोला मैदान पर धरना प्रदर्शन के बाद निकाली रैली
Realindianews.com
भोपाल। बांग्लादेश में सनातनीयों पर हो रहे अत्याचार को लेकर सनातन चेतना मंच द्वारा मध्य प्रदेश के सतना शहर के रामना टोला स्थित गुरुनानक दरबार सिटी कोतवाली के पीछे मैदान में साधु संत की उपस्थिति में बृहद धरना प्रदर्शन और विशाल रैली के साथ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन कलेक्टर अनुराग वर्मा को सौंपा गया। सनातन चेतना मंच के संयोजक पीयूष महाराज ने कहा कि हम सब सामर्थ्यवान है समय आने पर एकजुट खड़े होते हैं। संगठन में ही शक्ति है। संगठन ही भारत की पहचान है। आज बांग्लादेश में सनातन का गला रेता जा रहा है। साधू संतो को जेल भेजा जा रहा है। यह हिंदुत्व की आत्मा पर क्रूर हमला है। वहाँ हिंदुओ के घर जलाए जा रहे हैं विग्रह तोड़े जा रहे हैं। हम आज नहीं जागे तो फिर हमारे अस्तित्व को कोई नही बचा पाएगा।
यह समय जागरूकता और सक्रियता दिखाने का है-साध्वी निर्मला
प्रणामी समाज की साध्वी निर्मला देवी ने कहा कि केवल एकता और सामूहिक प्रयास से ही इन कठिनाइयों का सामना किया जा सकता है। उनके अनुसार, यह समय हिंदू समाज के लिए जागरूकता और सक्रियता दिखाने का है। उनका संदेश मुख्य रूप से एकजुटता और संगठन की शक्ति पर आधारित है। उन्होंने यह आह्वान किया है कि यदि हिंदू समाज इन परिस्थितियों में नहीं जागेगा और संगठित होकर कदम नहीं उठाएगा तो भविष्य में उनकी पहचान और अस्तित्व को बचाना कठिन हो सकता है।
आज माला और भाला दोनों की आवश्यकता-बाबा पुरुषोत्तम दास
सिंधी समाज के संत बाबा दयाल दास गुरुद्वारा के महंत बाबा पुरुषोत्तमदास महाराज ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आज संतों के हाथ में माला और भाला दोनों की आवश्यकता है। उन्होंने इसे मानवता और धर्म के लिए एक गंभीर चुनौती बताया। उनके अनुसार, वहां हो रही घटनाएं न केवल पीड़ा का कारण हैं, बल्कि यह हिंदू समाज के लिए एक चेतावनी भी हैं कि हमें जात-पात और आंतरिक भेदभाव को छोड़कर एकजुट होने की आवश्यकता है।महाराज जी ने अपने संदेश में एकता और भाईचारे का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “जाति-पात की करो विदाई, हम सब हैं भाई-भाई।” यह संदेश इस बात पर बल देता है कि जब तक हिंदू समाज आपसी विभाजन को समाप्त नहीं करेगा, तब तक वह बाहरी चुनौतियों का सामना प्रभावी रूप से नहीं कर पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि समाज की एकता ही उसकी शक्ति है और यही हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा का सबसे मजबूत साधन है। उनका संदेश सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने और एकता बनाए रखने की प्रेरणा देता है। श्री गुरुद्वारा नानक दरबार के प्रमुख सेवादार बाबू लजपाल सिंह भाटिया ने कहा कि यदि हम संगठन और एकजुटता के महत्व को नहीं समझते, तो इन चुनौतियों से पार पाना मुश्किल होगा।
इन घटनाओं के लिए कहीं न कहीं हमारी अपनी कमजोरियां भी जिम्मेदार-इं.रमेश जैन
दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी रमेश जैन ने अपने बयान में पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन घटनाओं के लिए कहीं न कहीं हमारी अपनी कमजोरियां भी जिम्मेदार हैं, विशेष रूप से समाज में एकता की कमी।उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमें इन घटनाओं की जानकारी नहीं है, और यदि पता है तो अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया। उनके अनुसार, ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए हिंदू समाज को एकजुट होना होगा।
संत समाज हुआ एकजुट
मंच मे श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर से साध्वी निर्मला माता, सोहावल बड़ा अखाड़ा स्वामी धरणीधराचार्य, छोटा अखाड़ा स्वामी आशुतोष, झूलेलाल मंदिर से संत समानामल, मेहरशाह दरवार से पुरुषोत्तम दास, राम जानकी मंदिर से संत गणेश महाराज और सनातन चेतना मंच के संयोजक पीयूष दास महाराज डालीबाबा मंदिर की उपस्थित रहे।
इनकी रही उपस्थिति
इस दौरान शिवराम जी संदरिया प्रांत संगठन मंत्री अमित दवे, उत्तम बनर्जी, योगेश ताम्रकार, मणिकांत माहेश्वरी, इंजी रमेश जैन, सतीश शमा, संजय सिंघई, नरेंद्र त्रिपाठी, लक्ष्मी यादव, विनोद यादव, रविन्द्र सिंह, विनोद तिवारी, सतीश सुखेजा, जितेन्द्र सिंह, लखन लाल केसरवानी, श्याम लाल गुप्ता श्यामू, मनोहर वाधवानी, हरिओम गुप्ता, जितेंद्र जैन, रविशंकर गौरी, ममता पांडेय, विमला पांडेय, जान्हवी त्रिपाठी, इंजी भास्कर भट्टाचार्य, भास्कर चतुर्वेदी , संजीव महेश्वरी, रामावतार चमाड़िया, उमेश दुबे, ऋषभ सिंह, अशोक अग्रवाल सहित हजारों की संख्या में उपस्थित रहे।