देश

8वें वेतन आयोग में मोदी सरकार कर्मचारियों को फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86% कर सकती है

नई दिल्ली

फरवरी में पेश होने वाले बजट 2025-26 से पहले 8वें वेतन आयोग की चर्चा तेज हो चली है।चुंकी सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई, जिसका समय 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा, इस आधार पर अब अगले वेतन आयोग की मांग उठने लगी है।

कयास लगाए जा रहे है कि केंद्र सरकार बजट 2025-26 में 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो न्यूनतम वेतन 34 हजार और पेंशन 17 हजार तक पहुंच सकती है।हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।बता दे कि नए वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को अलग-अलग आर्थिक मापदंडों खासतौर पर महंगाई के हिसाब से रिवाइज किया जाता है।

8th Pay Commission लागू हुआ तो बढ़ेगा फिटमेंट फैक्टर ?

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2025-26 में अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो फिटमेंट फैक्टर में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 फीसदी हो सकता है, जिससे न्यूनतम सैलरी में 186 फीसदी की वृद्धि होगी।

    वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और बेसिक सैलरी 18000 है। माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86% कर सकती है।इससे सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 186 प्रतिशत बढ़कर 51,480 रुपए हो जाएगा और पेंशन में भी 186 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो मौजूदा पेंशन 9,000 रुपए से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी।हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।

    इससे पहले आखिरी बार केन्द्र सरकार ने 2016 में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया था और इसी साल से 7th pay commission को भी लागू किया गया था।इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।

Fitment Factor वृद्धि की मांग क्यों?

    फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है, जिसके जरिए सैलरी (Salary) और पेंशन (Pension) में संशोधन किया जाता है।फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है।

    इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है।पिछली वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण सिफारिश है, इसी आधार पर वेतन वृद्धि तय होगी।

    यदि 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 20,000 X 2.57= 51,400 रुपए होगी। अगर इसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 कर दिया जाता है, तो यही सैलरी 20,000 x 2.86 = 57,200 रुपये हो जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button