मध्यप्रदेश

आईटी के क्षेत्र में आत्म-निर्भर हो रहा है मध्यप्रदेश

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आईटी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार ने आईटी क्षेत्र में विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिये प्रमुख शहरों- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में आईटी पार्क की स्थापना की है। इन पार्कों में अत्याधनिक सुविधाओं और कंपनियों को प्रोत्साहन देकर रोजगार के नये अवसर पैदा किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में 5 आईटी स्पेशल इकॉनॉमिक जोन स्थापित हैं और 15 से ज्यादा आईटी पार्क बनाये गये हैं। इससे 1.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।

आईटी पार्क, भोपाल
भोपाल के ग्राम बड़वई में 204 एकड़ भूमि पर आईटी पार्क स्थापित है जिसमें 78 कंपनियों को 109 भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें से 12 इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है और 48 कंपनियों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। अब तक लगभग 1200 रोजगार सृजित हुए हैं।

आईटी पार्क, परदेशीपुरा (इंदौर)
इंदौर के परदेशीपुरा में 5 एकड़ भूमि पर निर्मित 2 भवनों में 16 कंपनियां कार्यरत हैं, जिससे 600 नागरिकों को रोजगार मिला है। यहां इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा 48 करोड़ रुपये की लागत से आईटी भवन का विस्तार किया गया, जिससे 2500 नागरिकों को रोजगार मिला है। इससे भविष्य में 1000 और रोजगार के अवसर बनने की संभावना है।

आईटी पार्क, सिंहासा (इंदौर)
सिंहासा, इंदौर में 112 एकड़ भूमि पर विकसित आईटी पार्क में 32 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है। यहां 5 एकड़ भूखंड पर निर्मित 80 हजार वर्गफीट भवन से 2000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

आईटी पार्क, ग्वालियर

ग्वालियर के मालनपुर में 20.76 एकड़ भूमि पर विकसित आईटी पार्क में 73 हजार वर्गफीट भवन बनाया गया है, जिसमें 250 लोगों को रोजगार मिला है। साथ ही, 75 एकड़ भूमि पर एक नए आईटी पार्क के विकास का प्रस्ताव है।

आईटी पार्क, जबलपुर
जबलपुर के ग्राम पुरवा में 63 एकड़ भूमि पर विकसित आईटी पार्क में 87 कंपनियों को 101 भूखंड आवंटित किए गए हैं। यहां 22 इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जिससे लगभग 1700 नागरिकों को रोजगार मिला है।

इन आईटी पार्कों के जरिए मध्यप्रदेश तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ ही रोजगार सृजन और निवेश को प्रोत्साहन देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

 

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