राजनीति

महाराष्‍ट्र में करारी हार के बाद इस्‍तीफों का दौर शुरू, नाना पटोले ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ा

मुंबई

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी की हार के बाद नाना पटोले ने कथित तौर पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मौजूदा महायुति ने महाराष्ट्र चुनावों में 235 सीटें और 49.6 फीसदी वोट शेयर हासिल करते हुए बंपर जीत दर्ज की थी। वहीं महाविकास अघाड़ी 49 सीटों और 35.3 फीसदी वोटों के साथ बहुत पीछे रह गई। नाना पटोले सकोली विधानसभा सीट से महज 208 वोटों के अंतर से जीत पाए।

इससे पहले नाना पटोले ने रविवार को कहा था कि वो यह सुनिश्चित करेंगे कि नवनिर्वाचित महायुति सरकार अपने चुनावी घोषणा-पत्र और भाषणों में राज्य की जनता से किए गए वादों को पूरा करे. कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि महायुति को मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं के लिए मासिक भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का अपना वादा तुरंत पूरा करना चाहिए.

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हम हार पर मंथन करेंगे। इस बीच पटोले ने इस्तीफा ही दे दिया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अंतर्कलह भी जारी है। यहां तक कि चुनाव में हारे पृथ्वीराज चव्हाण ने तो शनिवार को ही कह दिया था कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों को लड़की बहिन योजना, आरएसएस के साथ और नेताओं की मेहनत का फायदा मिला है। वहीं अपनी लीडरशिप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि हमारा नेतृत्व ही कमजोर रहा। वहीं नाना पटोले ने कहा कि भले ही हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, लेकिन हम पूरी मेहनत से काम करेंगे। पटोले ने कहा कि हम सरकार को उसके वादे याद दिलाते रहेंगे कि जनता को फायदा मिले।

महायुति ने राज्य विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीट पर जीत दर्ज की है.  महायुति में शामिल भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट पर जीत मिली. दूसरी ओर, एमवीए को करारी हार मिली, जिसने कुल मिलाकर महज 46 सीट जीती हैं. एमवीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) को 10, कांग्रेस को 16 और शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीट पर जीत मिली. पटोले खुद भंडारा जिले के साकोली विधानसभा क्षेत्र से 208 मतों के अंतर से जीते. पटोले ने कहा था, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महायुति सरकार चुनाव के दौरान किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करे.''

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