इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन बनाने के कार्य ने रफ्तार पकड़ी, डिवाइडरों से पेड़-पौधे हटाकर इन्हें किनारों पर ट्रांसप्लांट किया जा रहा है
इंदौर, उज्जैन
इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन बनाने के कार्य ने रफ्तार पकड़ी है। वर्तमान में फोरलेन मार्ग को चौड़ा करने के लिए किनारों पर भराव शुरू कर दिया गया है। साथ ही रोड के मध्य में डिवाइडरों से पेड़-पौधे हटाकर इन्हें किनारों पर ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के अधिकारियों के अनुसार अन्य कार्य भी तेजी से शुरू किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर को परियोजना का भूमिपूजन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उज्जैन आकर किया था। एमपीआरडीसी के मुताबिक 46.475 किलोमीटर लंबे उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क मार्ग को दो वर्ष के भीतर सिक्सलेन में बदलने की कमान उदयपुर की रवि इन्फ्राबिल्ड कंपनी को 735 करोड़ रुपये में सौंपी है। योजना अनुरूप सिक्स लेन सड़क 15 साल के ऑपरेशन-मेंटनेंस के साथ उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल से इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने तक बनाई जाएगी। निर्माण हाइब्रिड वार्षिकी पद्धति से पेव्ड शोल्डर के साथ होगा। मुख्य सड़क डामर की और आबादी क्षेत्र में एप्रोच रोड सीमेंट-कांक्रीट की बनाई जाएगी। फिलहाल रोड किनारे भराव और मध्य में काम शुरू करने से पहले पेड़-पौधों को हटाया जा रहा है।
निर्माण से ज्यादा मेंटनेंस पर खर्च
डीपीआर में काफी संशोधन किया गया है। पहले योजना अमल में लाने को 1.35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने, आठ फ्लाय ओवर और 70 अंडरपास बनाना प्रस्तावित था, मगर बाद में जमीन अधिग्रहण करना निरस्त किया और मार्ग में दो वृहद पुल, दो फ्लाई ओवर, छह अंडरपास बनाना तय किया।
सिंहस्थ में आवाजाही होगी सुगम
उज्जैन में सर्वाधिक पर्यटक इंदौर रोड के रास्ते आते हैं। उज्जैन को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों में यही वो रोड है जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं भी होती है। बीते वर्ष 2023 में इस पर 226 दुर्घटनाएं हुई थीं जिनमें 210 लोग घायल हुए थे और 22 की मृत्यु हो गई थी। मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने सिक्सलेन परियोजना 20 फरवरी 2024 को मंजूर की थी। तब कहा था कि दो वर्ष में सिक्स लेन बनवा लेंगे। मार्ग में सड़क सुरक्षा के उपाय करेंगे और सभी जंक्शन का सुधार कराएंगे।