उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के संभल जामा मस्जिद बवाल, पथराव-फायरिंग में दो और युवकों की मौत, पड़ोसी जिलों से पहुंची फोर्स

संभल
संभल की जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल में दो और युवकों की मौत हो गई है। इससे मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं। कई पुलिस के जवान भी घायल हुए हैं। मरने वाले तीनों युवकों को गोली लगी है। तीनों की पहचान नईम, रोमान और विलाल के रूप में हुई है। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। इनमें ज्यादातर वाहन पुलिस वालों के हैं। बवाल को संभालने के लिए आसपास के जिलों से भी फोर्स मंगाई गई है। मुरादाबाद के कमिश्नर आज्नेय सिंह भी पहुंचे हैंं। उन्होंने कहा कि फायरिंग पुलिस ने नहीं की है। पुलिस ने केवल आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। दावा किया जा रहा है कि छतों से फायरिंग हुई है। अदालत के आदेश पर रविवार को दोबारा सर्वेक्षण शुरू हुआ था। इसी बीच अराजकतत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया।

स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि उस स्थान पर हरिहर मंदिर था। इसी याचिका पर अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था। अदालत के आदेश के तहत ही ''एडवोकेट कमिश्नर'' रविवार को दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य शुरू करने सुबह सात बजे के आसपास पहुंचे थे। इसी दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे। पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बताया जाता है कि इसी दौरान छतों से फायरिंग की गई। इसी फायरिंग की गोलियां तीनों युवकों को लगी हैं। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा कि कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया लेकिन स्थिति अब शांतिपूर्ण है और सर्वेक्षण कार्य जारी है। संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सार्वजनिक हुए हैं। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये 'एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिये।

उन्होंने बताया था कि अदालत ने कहा है कि वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराकर कमीशन के माध्यम से अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए। जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है।

विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।

उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।

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