उत्तर प्रदेश

कृपालु महाराज की तीनों बेटियों के साथ बड़ा हादसा, कार पर कैंटर ओवरटेक करते समय पलटा, एक की मौत, दो घायल

प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ में कुंडा के भक्ति धाम मनगढ़ के संस्थापक और मथुरा के प्रेम मंदिर वाले जगदगुरु कृपालु महाराज की तीनों बेटियों के साथ बड़ा हादसा हुआ है। दिल्ली जाते समय यमुना एक्सप्रेसवे पर उनकी कार पर कैंटर ओवरटेक करते समय पलट गया। इससे कार में सवार जगदगुरु की सबसे बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। दोनों अन्य बेटियां कृष्णा और श्यामा घायल हैं। इसके चार अन्य लोग भी घायल हैं। सभी को दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल ले जाया गया है। हादसे की जानकारी कुंडा के मनगढ़ आश्रम पहुंचने पर शोक की लहर दौड़ गई। मनगढ़ में तीन दिन का शोक घोषित कर दिया गया है। विशाखा का पार्थिव शरीर आज शाम 4 बजे वृंदावन के प्रेममंदिर लाया जाएगा। इसके बाद अनुयायियों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। सोमवार को यमुना तट पर अंतिम संस्कार होगा। कृपालु महाराज का निधन भी हादसे में हुआ था।

कुंडा के भक्ति धाम मनगढ़ के संस्थापक जगदगुरु कृपालु महाराज की तीनों बेटियां भक्ति धाम कृपालु परिषद की अध्यक्ष 72 वर्षीय डॉ. विशाखा त्रिपाठी, 68 वर्षीय डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और 66 वर्षीय डॉ. श्यामा त्रिपाठी शनिवार रात दो गाड़ियों से दिल्ली जा रही थीं। आगे वाली गाड़ी में विशाखा के साथ वृंदावन के व्यवस्थापक संजय और महिला सेवादार थी। व्यवस्थापक संजय ही गाड़ी चला रहे थे। पीछे वाली गाड़ी में कृष्णा और श्यामा थीं। गाड़ी को सेवादार दीपक चला रहे थे। आगरा से आगे यमुना एक्सप्रेसवे पर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में रात करीब 3:00 बजे पीछे से आए एक कैंटर ने दोनों गाड़ियों को ओवरटेक किया और अचानक अनियंत्रित होकर पहली गाड़ी पर पलट गया। इसी बीच पीछे से आ रही दूसरी गाड़ी उसी में घुस गई।

कृपालु महाराज की बेटियों संग हादसा
आसपास के लोगों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को दोनों गाड़ियों से बाहर निकाला और दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल ले गई। वहां विशाखा त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया गया। अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। घटना की जानकारी होते ही मनगढ़ के भक्ति धाम में शोक की दौड़ गई। मनगढ़ में 3 दिन का शोक घोषित किया गया है। डॉ. विशाखा का अंतिम संस्कार वृन्दावन में किया जाएगा।

करीब 15 साल पहले कृपालु महाराज की भी एक हादसे में ही मौत हुई थी। 13 नवंबर 2013 को 91 वर्ष की उम्र में कृपालु जी महाराज ने अंतिम सांस ली थी। प्रतापगढ़ के आश्रम में फिसलने के कारण उनके सिर चोट आई थी, जिसके बाद वे कोमा में चले गए थे। इसके बाद उन्हें गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनका निधन हो गया। देश में कई जगद्गुरु हुए लेकिन जगद्गुरुत्तम की उपाधि केवल कृपालु जी महाराज को ही मिली है। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज पहले ऐसे गुरु हैं, जिनका कोई शिष्य नहीं है लेकिन लाखों अनुयायी हैं। कृपालु जी महाराज का जन्म 06 अक्टूबर 1922 को प्रतापगढ़ के मनगढ़ में हुआ था।

कृपाजी जी महाराज ने हाई स्कूल से 7वीं तक की परीक्षा उत्तीर्ण की और इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मध्य प्रदेश चले गए। 14 वर्ष की आयु में इन्होंने तृप्त ज्ञान को प्राप्त कर लिया। इसके बाद इनका विवाह हो गया और गृहस्थ जीवन बिताने लगे। कृपालु जी महाराज की पांच संतान हैं, जिसमें दो बेटे घनश्याम और बालकृष्ण त्रिपाठी और तीन बेटियां विशाखा, श्यामा और कृष्णा हैं। हादसे में अब विशाखा की मौत हो गई। दो अन्य बेटियां घायल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button