छत्तीसगड़

राजनांदगांव : नक्सल पीड़ित परिवारों ने पुनर्वास नीति के तहत सुविधा उपलब्ध कराएं

राजनांदगांव.

अविभाजित राजनांदगांव जिले के नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने राजनांदगांव कलेक्टर से गुहार लगाते हुए पुनर्वास नीति के तहत आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने की मांग की है। नक्सल पीड़ित परिवार के लोग लगभग 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसको लेकर कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर से गुहार लगाई गई है।

अविभाजित राजनांदगांव जिले के मोहला,मानपुर में नक्सली हिंसा का शिकार हुए परिवारों को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत आवासीय भूखंड अथवा मकान दिया जाना था,लेकिन अधिकांश परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया और लगभग 15 वर्षों से नक्सल पीड़ित परिवार के लोग संघर्ष कर रहे हैं। बुधवार को राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा कि नक्सली हिंसा में किसी के भाई ,किसी के पिता और किसी के पुत्र की हत्या हुई है। नक्सलियों द्वारा उनके परिजनों को मारे जाने के बाद वे वनांचल क्षेत्र को छोड़ने पर मजबूर हो गए। वहीं शासन की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें जमीन अथवा मकान दिया जाना था, लेकिन लगभग 15 वर्षों के संघर्ष के बाद भी ना मकान मिला है और ना जमीन। नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा है कि शासन की नीति का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिला है ऐसे में दर-दर भटकने की नौबत आ गई है, क्योंकि इस योजना के तहत रोजगार के साधन भी मिलने थे लेकिन उन्हें अब तक कुछ भी नहीं मिला है। नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया विष्णुदेव साय से आदिवासियों की पीड़ा को सुनकर जल्द से जल्द योजना का लाभ दिलाने की गुहार लगाई है।

नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने राजनांदगांव कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि राजनांदगांव कलेक्ट्रेट कार्यालय में 25 जनवरी वर्ष 2021 को जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक रखी गई थी, इस बैठक में नक्सल पीड़ित परिवारों को 900 वर्ग फुट जमीन प्रति परिवार को आवंटित करने का निर्णय लिया गया और कलेक्टर द्वारा 28 जनवरी 2021 को तहसीलदार राजनांदगांव,तहसीलदार डोंगरगढ़ और तहसीलदार मानपुर को आवासीय भूखंड उपयुक्त भूमि की जानकारी देकर एक सप्ताह के भीतर जमीन आवंटन करने का आदेश दिया गया था,लेकिन अब तक उन्हें जमीन नहीं मिल पाई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button