देश

राम मंदिर : राजद विधायक ने कहा- बौद्ध भिक्षुओं का सिर काटकर हुआ अयोध्या का निर्माण

पटना.

पिछले कुछ दिनों से विवादित बयान देने सुर्खियों में आने वाले राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार फिर से उन्होंने फिर से अयोध्या और भगवान श्रीराम पर विवादित टिप्पणी की है। राजद कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन में भाग लेने जमुई पहुंचे फतेह बहादुर सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अयोध्या का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के सिर काटकर किया गया है। इसका गवाह कर सरयू नदी है।

पहले इसका नाम साकेत हुआ करता था। लेकिन, जब राजा राजा वृहद्रथ की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने की। उसके बाद लाखों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की गई थी। तब सरयू नदी बौद्ध भिक्षुओं की खून से लाल हो गई थी। इस दौरान ही उसका नाम बदलकर साकेत से अयोध्या कर दिया गया था। राजद विधायक यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि भगवान राम एक काल्पनिक पात्र हैं। यह मैं नहीं कहता बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में यह कहा था। उन्होंने कहा कि भगवान राम से पहले गौतम बुद्ध इस धरती पर आए थे। वाल्मीकि रामायण के सर्ग संख्या 109, चौपाई संख्या 134 में भी एक जगह पर लिखा हुआ है। बुद्ध और उनके अनुयायियों के साथ वही दंड मिलना चाहिए जो चोर को मिलता है। वाल्मीकि रामायण में बुद्ध का उल्लेख किया गया है जिससे यह पता चलता है कि पहले गौतम बुद्ध आए थे। रामायण या रामचरितमानस 15वीं शताब्दी में लिखी गई थी। जबकि बुद्ध का अस्तित्व उससे पुराना है।

आप मंदिर में जाकर प्राथमिकी दर्ज करवा देते
विवादित बयान देने वाले राजद विधायक ने आगे कहा कि कहा कि अगर मंदिर बनने से ही सब कुछ हो जाता तो राजद के नेता के द्वारा जब राम चरित्र मानस पर विवादित बयान दिया गया तो उनके खिलाफ प्रथमिकी दर्ज करने के लिए आपको पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं थी। आप मंदिर में जाकर प्राथमिक की दर्ज करवा देते। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जब त्राहिमाम मचा हुआ था तब मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था। उस वक्त लोगों को मंदिर में रखा जाना चाहिए था। जबकि उस वक्त मंदिरों का दरवाजा बंद कर दिया गया था।

पत्थर में प्राण डालने वालों की सूची बनाए केंद्र सरकार
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर फिर से विवादित टिप्पणी करते हुए फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि 22 जनवरी को भगवान राम में प्राण डाला जाएगा तो इसका मतलब है कि इससे पहले भगवान राम प्राणहीन थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों का काम लोगों के लिए विकास करना है। ना कि मंदिर बनवाना है। अयोध्या में सम्राट अशोक और गौतम बुद्ध के अवशेष मिले है। उन्होंने कहा कि जो लोग पत्थर में प्राण डाल रहे हैं ऐसे लोगों की एक सूची केंद्र सरकार को बनानी चाहिए और सूची बनाने के बाद केंद्र सरकार प्राण डालने वालों को देश की सीमा पर हर बटालियन के साथ और देश के सभी अस्पतालों में तैनात कर देना चाहिए। इससे यह होगा की सीमा पर जब जवानों की मौत होगी उसमें यह लोग प्राण डाल देंगे और अस्पताल में जिनकी मौत होगी उसमें भी प्राण डाल दिया जाएग।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button