उत्तराखंड में हाईवे पर रूकी वाहनों की रफ्तार, दो दिनों से मार्ग बंद; NH के पास भूस्खलन जारी
अल्मोड़ा.
यहां क्वारब की पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर शनिवार दोपहर से यातायात ठप है। इससे मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ और पहाड़ से मैदान की ओर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बंद हो चुके हाईवे को खोलने में प्रशासन और लोनिवि लाचार नजर आ रहे हैं। क्वारब की पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिरने का क्रम जारी है। लगातार दरक रही पहाड़ी के चलते हाइवे पर आए मलबे को साफ करना बहुत जोखिम भरा हो गया है।
तीन जिलों का है मुख्य मार्ग
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग यहां अल्मोड़ा समेत बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले का मुख्य मार्ग है। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग पर नैनीताल और अल्मोड़ा जिले की सीमा पर क्वारब के समीप तीन महीनों से पहाड़ी दरक रही है। जिससे यहां से वाहनों का आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। इधर शनिवार दोपहर को पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया।
पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरकने से यहां भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर एनएच पर गिर गए। इधर रविवार को भी पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिरता रहा। मलबे और बोल्डर की बौछार के बीच एनएच पर गिरे मलबे को साफ करना विभाग के लिए मुश्किल भरा हो गया है। इधर मलबा नहीं हटने के कारण मार्ग पर शनिवार से ही पूरी तरह यातायात ठप है। इससे यात्रियों को हल्द्वानी पहुंचने के लिए लमगड़ा और रानीखेत मार्ग से अतिरिक्त फेरा लगा कर पहुंचना पड़ रहा है। इस कारण लोगों की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी दूभर
राष्ट्रीय राजमार्ग पर जहां पर पहाड़ी दरक रही है, उस स्थान पर वाहनों का चलना तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। पहाड़ी से गिरते पत्थर वहां खतरा बने हुए हैं।
तत्काल ट्रीटमेंट के नाम पर शुरू किया गया है कार्य, खतरा बढ़ा
बीते दिनों दरकती पहाड़ी के लिए ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया गया, लेकिन यहां अब और खतरा बढ़ गया है। जिस स्थान पर ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है। उसी के बगल से पूरी पहाड़ी दरकते हुए नीचे खिसक रही है। इस बीच लोडर मशीन के आपरेटर अपनी जान जोखिम में डालकर मलबा हटाने का कार्य कर रहे हैं। पहाड़ी से लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। जिससे वहां पर काम करने में मजदूरों को दिक्कत हो रही है। मार्ग पर यातायात सुचारू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। -जेसी पांडे, एई राष्ट्रीय राजमार्ग।