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इंफाल घाटी में उग्र हो रहे प्रदर्शन, CM के पैतृक घर को भी बनाया निशाना, 4 और विधायकों के घर जलाए गए

इंफाल
मणिपुर के इंफाल घाटी में बढ़ते तनाव के बीच गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और कांग्रेस के एक विधायक के आवासों पर हमला कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
यह हिंसा तब हुई जब जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिले, जिन्हें कथित तौर पर उग्रवादियों ने अगवा कर हत्या कर दी थी। इसके बाद, इंफाल घाटी में विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनके परिणामस्वरूप अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया गया और इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया।

विधायकों के आवासों पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न इलाकों में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के घरों में आग लगा दी और संपत्ति में तोड़फोड़ की। पुलिस ने बताया कि निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, हियांगलाम बाजार में भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगाई गई। हालांकि, इस दौरान विधायकों और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे, जिसके कारण कोई जनहानि नहीं हुई।

मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला
प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक घर पर भी हमला करने की कोशिश की, जो इंफाल पूर्वी जिले के लुवांगसांगबाम में स्थित है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक लिया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने सिंह के घर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर टायर जलाकर वाहनों की आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया।

जिरीबाम में शवों की बरामदगी
जिरीबाम जिले में शनिवार को तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद हुए। ये लोग पिछले सप्ताह सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद एक राहत शिविर से लापता हो गए थे। इसके बाद से इलाके में तनाव और हिंसा बढ़ गई है। उग्रवादियों पर आरोप है कि इन्होंने इन निर्दोषों का अपहरण किया और बाद में उनकी हत्या कर दी। मुठभेड़ में 10 उग्रवादी भी मारे गए थे।

कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं निलंबित
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने इंफाल घाटी के कई जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही, इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के दामाद और भाजपा विधायक आर. के. इमो सहित अन्य नेताओं के घरों पर हमले के बाद प्रशासन ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया।

सीओसीओएमआई का सैन्य कार्रवाई की मांग
मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (सीओसीओएमआई), जो राज्य के नागरिक समाज संगठनों का प्रतिनिधित्व करती है, ने उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की है। समिति ने अफस्पा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) को तत्काल हटाने की भी अपील की है, जिसे हाल ही में छह पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में फिर से लागू किया गया था।

विरोध और आगजनी की घटनाएं जारी
अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों ने रात में जिरीबाम कस्बे में कम से कम दो चर्चों और तीन घरों को आग के हवाले कर दिया। साथ ही, वे अन्य संरचनाओं को जलाने की कोशिश कर रहे थे, हालांकि इन दावों की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।मणिपुर में यह हिंसा और तनाव राज्य के नागरिकों के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न कर रहा है। प्रशासन और सुरक्षा बलों के प्रयासों के बावजूद, राज्य में शांति की बहाली के लिए अभी भी काफी संघर्ष जारी है।

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