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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोला

दुमका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने दुमका में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने घुसपैठियों की पहचान करने, मतदाता सूची से उनके नाम काटने का आदेश दिया है। अगर हेमंत सोरेन के मन में जरा भी राम बसे हैं, तो वह घोषणा करें कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।
शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन तो हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। वे झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देते हैं। घुसपैठियों में उन्हें अपना वोट बैंक दिखता है। गृह मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन इस मामले में हमसे सवाल पूछते हैं, पर क्या उन्होंने कभी बांग्लादेश की बॉर्डर देखी है? इस बॉर्डर के लंबे इलाके में जंगल और नदियां हैं, जहां बाड़ नहीं लग पाए। घुसपैठिए इन्ही रास्तों के जरिए गांव में आते हैं। सवाल यह है कि जब घुसपैठिए आते हैं, तो आपके पटवारी और थानेदार को कैसे पता नहीं चलता है? इनके राशन कार्ड कौन बनाता है? इनके नाम मतदाता सूची में कौन जुड़वाता है? वे झारखंड की बेटियों से शादी कैसे कर लेते हैं। यह सब झारखंड की सरकार के दिशा निर्देश पर होता है।

शाह ने हेमंत सोरेन की सरकार पर केंद्र से विकास के लिए भेजी गई राशि लूटने का आरोप लगाया। झारखंड के युवाओं, दलितों, पिछ़ड़ों के लिए भेजा गया पैसा लूटने वाले समझते हैं कि उन्हें कुछ नहीं होगा। ऐसे लोग 23 नवंबर तक खैर मना लें। झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही एक-एक पैसा वसूल कर झारखंड की तिजोरी में डाला जाएगा। लूटने वालों की जगह इसके बाद जेल में होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में झारखंड के कांग्रेस सांसद के घर से 350 करोड़ रुपये मिले। रुपये गिनने के लिए लाई गईं 27 मशीनें थक गईं। आलमगीर आलम यहां की सरकार में मंत्री थे। उनके पीए के घर से 30 करोड़ रुपये पकड़े गए। हेमंत जी और कांग्रेस ने इस पर कुछ भी नहीं कहा।

गृह मंत्री ने पूछा कि यह किसका पैसा था? फिर उन्होंने कहा कि यह झारखंड के युवाओं का पैसा था, जो कांग्रेसी और उनके साथी खा गए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन हमसे हिसाब मांगते हैं कि हमने झारखंड के लिए क्या किया? हम उनसे पूछते हैं कि केंद्र में 2004 से 2014 तक दस साल यूपीए की सरकार रही। सोनिया-गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार ने झारखंड के लिए क्या दिया? उन्होंने झारखंड को दस साल में केवल 84 हजार करोड़ रुपया दिया था। मोदी जी की सरकार ने 2014 से 20124 तक इस राज्य को 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये दिए। हम झारखंड के लिए अपना पूरा हिसाब लेकर आए हैं। हमने किसान सम्मान निधि के 30 लाख किसानों को सहायता दी, 4 लाख 68 हजार लखपति दीदी बनाए, दो लाख शौचालयों का निर्माण कराया, 2 करोड़ 65 लाख परिवारों को पांच किलो मुफ्त चावल दिया, 18 लाख घर बनाए, देवघर में एयरपोर्ट और एम्स बनाया, रांची में आईआईआईटी का निर्माण कराया।

शाह ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आप झारखंड में भाजपा की सरकार बनाएं, मोदी जी उनके खाते में 2100 रुपये भेजेंगे। हम 500 में गैस सिलेंडर देंगे। हेमंत ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, पर नहीं दिया। आप भाजपा की सरकार बनाओ, राज्य में दो लाख 85 हजार सरकारी नौकरियां भरी जाएंगी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) की चर्चा करते हुए कहा कि इसे लेकर आदिवासियों को किसी तरह की चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। आदिवासी इसके दायरे से बाहर रखे जाएंगे। शाह ने जनसभा में दुमका से भाजपा के प्रत्याशी सुनील सोरेन और जामा के प्रत्याशी सुरेश मुर्मू को विजयी बनाने की अपील की।

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