स्वस्थ-जगत

प्राणघातक हो सकती है कैल्शियम की कमी

कैल्शियम को सदा से ही मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक माना जाता रहा है किन्तु नए शोधों के अनुसार इसके अतिरिक्त भी कैल्शियम हमारे शरीर के लिए कई बीमारियों को दूर रखने में सहायता करता है। हड्डियां हमारे शरीर के लिए कैल्शियम के स्टोर का कार्य करती हैं जहां से आवश्यकतानुसार शरीर कैल्शियम लेता रहता है। हमारे भोजन से हड्डियों को कैल्शियम मिलने और हड्डियों से शरीर को कैल्शियम मिलने की प्रक्रिया हेतु विटामिन डी की उपस्थिति अनिवार्य है। विशेषज्ञों के अनुसार हर वयस्क को न्यूनतम 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की दैनिक आपूर्ति होनी आवश्यक है। यदि भोजन से इतना कैल्शियम नहीं मिल पाता तो हमारे शरीर को पैराथायराइड हार्मोन विटामिन डी के सहयोग से हड्डियों से रक्त का कैल्शियम स्थानांतरित कर देता है। यदि व्यक्ति के भोजन में लगातार कैल्शियम या विटामिन डी की कमी चलती रहे तो उसकी हड्डियां कमजोर हो जाएंगी। नवीन शोधों के अनुसार कैल्शियम की कमी का निम्र रोगों पर भी प्रभाव पड़ता है।

उच्च रक्तचाप मनुष्य के रक्तचाप पर कई चीजों का प्रभाव पड़ता है। शरीर का वजन, शारीरिक गतिविधि, नमक व पारिवारिक पृष्ठभूमि का रक्तचाप पर प्रायः प्रभाव पड़ता है किन्तु अब शोधों से पता चला है कि शरीर में कैल्शियम की कमी से आयु के साथ रक्तचाप में भी प्रभाव पड़ता है। 1997 में अमरीका में पाया गया है कि कम वसा वाले दूध, फल और सब्जियों के नियमित प्रयोग से (जिसमें लगभग 1200 मिलीग्राम कैल्शियम हो) रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। यह नहीं कि कैल्शियम के साथ नमक अधिक लिया जाए किन्तु अधिक नमक और कम कैल्शियम खाने वाले व्यक्ति में उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है। डा. डेविड मैकरोन के अनुसार कम नमक वाले भोजन के स्थान पर दूध से बने पदार्थ उच्च रक्तचाप को काबू करने में अधिक प्रभावशाली हैं। उनके अनुसार अधिकतर बच्चे कैल्शियम की सही मात्रा नहीं लेते क्योंकि वे दूध, फल और सब्जी का सही मात्रा में सेवन नहीं करते।

कैंसर: हमारे शरीर में बहुत से सैल बनते रहते हैं और समाप्त होते रहते हैं। पेट के अंदर ऐसे सैल प्रायः 3 से 10 दिन में बदल जाते हैं पर कभी-कभी ये सैल तीव्र गति से बढने लगते हैं, जिससे पेट के कैंसर की संभावना हो सकती है। अमरीकन मैडीकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार जिन लोगों में पेट के कैंसर की संभावना थी, उन्हें 1500 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन दिए जाने पर सैलों में बढ़ौतरी ठीक हो गई।

मासिक धर्म: प्रायः महिलाओं को मासिक धर्म प्रारंभ होने से पूर्व कई तकलीफें होती हैं। सूसन थाई जैकब के अनुसार इसके लिए भी कैल्शियम की कमी ही उत्तरदायी है। उन्होंने 466 महिलाओं को 1200 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन दिया और पाया कि अधिकतर महिलाओं की तकलीफें 48 प्रतिशत कम हो गईं। उनको होने वाली दर्द में भी कमी हुई। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने आहार को इस प्रकार संयोजित करें कि हमें लगभग 1200 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन मिलता रहे। 240 मिलीलीटर गाय के दूध में 288 मिलीग्राम कैल्शियम होता है जबकि 200 ग्राम दही में 268 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। 100 ग्राम सूखे नारियल में 400 मिलीग्राम कैल्शियम होता है जबकि 100 ग्राम खजूर में 120 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसके अतिरिक्त गूड़, पनीर, सोयाबीन, फूलगोभी और मछलियों में भी कैल्शियम पाया जाता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button