छत्तीसगड़

राजस्थान-अजमेर में कार्तिक पंचतीर्थ में पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाने पहुंचे लाखों श्रद्धालु

अजमेर.

पुष्कर सरोवर में आज देवउठनी एकादशी स्नान के साथ ही पंचतीर्थ स्नान आरंभ हो गया। इसी के साथ धार्मिक पुष्कर मेला भी आज से शुरू हो जाएगा, जिसका समापन 15 नवंबर को सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महास्नान के साथ होगा। एक तिथि क्षय होने के कारण पांच दिनी कार्तिक पंचतीर्थ स्नान इस बार चार दिन का ही होगा। धार्मिक मेले के लिए पुलिस और जिला प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

कार्तिक पंचतीर्थ स्नान के लिए श्रद्धालुओं की आवक शुरू हो गई है। दूर-दराज से बड़ी तादाद में धर्मप्रेमी बंधु पुष्कर पहुंच गए हैं। सरोवर में धार्मिक स्नान मंगलवार की अलसुबह ब्रह्म मुहूर्त के बीच आरंभ हो गया। तीर्थ पुरोहित पंडित दिलीप शास्त्री और रविकांत शर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ला एकादशी से पूर्णिमा तक जगत पिता ब्रह्माजी ने पुष्कर सरोवर में सृष्टि यज्ञ किया था। लिहाजा इन पांच दिनों में सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता अंतरिक्ष की जगह तीर्थराज पुष्कर की धरा पर विद्यमान रहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इन पांच दिनों के दौरान ब्रह्म सरोवर में स्नान करने मात्र से मनुष्य को केवल पापों से छुटकारा मिलता है, बल्कि हजारों गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण में से भीष्म पंचक महास्नान भी कहा गया है। पंचतीर्थ स्नान के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रमुख घाटों, बाजार मंदिरों में कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। वहीं पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से माकूल इंतजाम किए हैं। घाटों, मंदिरों समेत चप्पे-चप्पे पर पुलिस एवं सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सरोवर पर पानी के स्तर को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का जाप्ता तैनात किया गया है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सरोवर में एनडीआरएफ ने रबर बोट तैनात की है। वहीं आज देवउठनी एकादशी पर पुष्कर में आध्यात्मिक यात्रा निकाली गई, जिसमें अजमेर दरगाह की खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान की ओर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। विभिन्न तरह की झांकियां भी धार्मिक यात्रा में शामिल हुईं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button