श्रमिकों के मामले में मानवीय संवेदनाओं को पूरा रखें ध्यान
- असंगठित श्रमिकों के लिये पेंशन पर करेंगे विचार : श्रम मंत्री पटेल
- श्रमिकों के मामले में मानवीय संवेदनाओं को पूरा रखें ध्यान
- श्रम मंत्री पटेल ने मंत्रालय में की विभागीय समीक्षा बैठक
भोपाल
श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों को 60 साल के बाद पेंशन देने संबंधी विचार किया जाएगा। मंत्री पटेल शासकीय योजनाओं में 60 साल की आयु के बाद श्रमिकों को लाभ की पात्रता नहीं होने संबंधी प्रावधानों की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री पटेल ने कहा कि श्रमिकों के संबंध में प्रावधानों और निर्णयों में संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम सचिन सिन्हा, श्रम आयुक्त संजय गुप्ता, अध्यक्ष, असंगठित कर्मकार मंडल सुल्तान सिंह शेखावत, अध्यक्ष, श्रम कल्याण मंडल भगवान दास गोंडाने एवं अध्यक्ष, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल हेमंत तिवारी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
श्रम मंत्री पटेल ने कहा कि बैठक में श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किये जाने के बाद अनुविभागीय अधिकारी के यहाँ होने वाली अपील के प्रावधान को हटाया जायेगा। गरीब व्यक्ति को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देंगे। अपील का प्रावधान जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी या श्रमिक बोर्ड के समक्ष करने संबंधी निर्णय विचारोपरांत लिया जाएगा। उन्होंने निर्देशित किया कि श्रमिकों के होने वाले पंजीयन के निरस्तीकरण के कारणों और उनके जस्टिफिकेशन के लिये किसी भी एक जिले की सेंपलिंग की जाए। इससे मजदूरों के पंजीयन के निरस्तीकरण की व्यवस्था पारदर्शी होगी। प्रदेश में वर्तमान में पंजीयन के लिये 50 हजार कियोस्क कार्य कर रहे हैं।
श्रम मंत्री पटेल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को 45 वर्ष की उम्र के बाद बीमा योजना में कवर करने संबंधी विचार कर निर्णय लिया जाएगा। इससे श्रमिकों को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन के लाभ के साथ अन्य राशि भी प्राप्त होगी। मंत्री पटेल ने श्रमिकों के लिये संचालित केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।
श्रम मंत्री पटेल ने मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना 2.0 और मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना 1.0 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी भी प्राप्त की। मंत्री पटेल ने रिक्त पदों की पूर्ति त्वरित रूप से करने के निर्देश भी दिये।