मध्यप्रदेश

इंदौर में ‘गजवा-ए-हिंद’ के पोस्टर पर हिंद रक्षक संगठन ने कड़ी आपत्ति लेते हुए पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की

इंदौर
शहर के कागदीपुरा इलाके की एक मस्जिद के ऊपर लगे पोस्टर को लेकर इंदौर में बवाल मच गया है। ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसे पोस्टर को लेकर हिंद रक्षक संगठन ने इस पर कड़ी आपत्ति लेते हुए पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले दीपावली के अगले दिन छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में पटाखा चलाने को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ था।

हटा दिए गए पोस्टर

हालांकि, विधायक मालिनी गौड़ के बेटे और हिंद रक्षक संगठन के संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ के आपत्ति के बाद मुस्लिम समुदाय ने कल शाम को ही पोस्टर हटा दिया था।

गौड़ ने एक्स पर मस्जिद पर लगा पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में एक मस्जिद पर लगाया गया 'गजवा-ए-हिंद' के आतंक को दर्शाता यह पोस्टर प्रशासन की शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। प्रशासन से निवेदन है तत्काल संज्ञान में लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करें।

गजवा-ए-हिंद को जान लीजिए

गजवा-ए-हिंद में गजवा का अर्थ 'इस्लाम को फैलाने के लिए की जाने वाली जंग' होता है। इस युद्ध में शामिल इस्लामिक लड़ाकों को 'गाजी' कहा जाता है। मोटे तौर पर गजवा-ए-हिंद के मायने भारत में जंग के जरिए इस्लाम की स्थापना करने से है। गजवा-ए-हिंद का मतलब भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले काफिरों को जीतकर उन्हें मुस्लिम बनाने से है। दुनिया के इस हिस्से में रहने वाले लोगों के साथ युद्ध से है। आसान भाषा में समझें तो गजवा-ए-हिंद का मतलब जंग में भारत को जीतकर इसका इस्लामीकरण करने से है।

कहां से आया गजवा-ए-हिंद

इस्लाम में दुनिया को दो हिस्‍सों में बांटकर देखा गया है। एक, जहां इस्लाम को मानने वालों का शासन है। दूसरा, जहां इस्लाम मानने वाले लोग रहते तो हैं, लेकिन वहां शासन किसी दूसरे धर्म का है। इस्लाम में मुस्लिम शासन वाले देश को दारुल इस्लाम कहा जाता है। वहीं, गैर मुस्लिम शासन वाले देश को दारुल हर्ब कहा गया है।

यह एक चेतावनी है

इसमें सबसे आगे भगवा झंडे लिए सेना को दिखाया गया है। यह सनातन धर्म के लिए एक चेतावनी है। साथ ही कहा कि इस्लाम ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक दारुल इस्लाम, यह वह दुनिया है जिसमें सभी लोग इस्लाम स्वीकार करते हैं। जहां दारुल इस्लाम नहीं है, वहां वे उसे जीतना चाहते हैं, जिसे दारुल हरब कहा जाता है.

गजवा-ए-हिंद का मतलब है कि उसे हिंद के खिलाफ अपनी हुकूमत कायम करनी है। एक अभियान चल रहा है। इसे छोटा काम नहीं समझना चाहिए, यह हमारे लिए एक संदेश है।’ इस प्रकार का व्यवहार पूर्णतः अस्वीकार्य है। हमने इसकी शिकायत थाने में की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

क्या है गजवा-ए-हिंद का मतलब

जानकारी के मुताबिक गजवा-ए-हिंद में गजवा का मतलब है ‘इस्लाम फैलाने के लिए युद्ध’. इस युद्ध में शामिल इस्लामी लड़ाकों को ‘गाजी’ कहा जाता है। मोटे तौर पर कहें तो गजवा-ए-हिंद का मतलब युद्ध के जरिए भारत में इस्लाम की स्थापना करना है।

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