धर्म/ज्योतिष
वसीयत लिखते समय न करें ये गलतियां, वरना आ सकती हैं दिक्कतें
उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद अक्सर लोगों को अपनी संपत्ति का वारिश ढूंढना पड़ता है। हालांकि, अपनी संपत्ति का मालिकाना हक किसी दूसरे के हाथों में सौंपने के लिए व्यक्ति को वसीयत लिखनी जरूरी होती है। वसीयत एक कानूनी साक्ष्य होता है जो इस बात की पुष्टि करता है कि आपने अपनी संपत्ति का उत्तराधिकार किसे चुना है? अगर वसीयत न लिखी जाए तो उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है।
हालांकि, वसीयत लिखते समय आपको कई जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो भविष्य में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। इसी कड़ी में आज इस खबर के माध्यम से हम आपको उन जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका विशेष ध्यान वसीयत लिखते समय रखना चाहिए।
आइए जानते हैं
- वसीयत लिखते समय आपको अपने चल और अचल संपत्ति की जानकारी विस्तार ढंग से देनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने बैंक खाते, प्रॉपर्टी की डिटेल्स, लॉकर नंबर आदि जानकारी वसीयत में ठीक से देनी चाहिए। इससे कंफ्यूजन पैदा नहीं होगी।
- वसीयत बनाते समय आपको एक काबिल एग्जीक्यूटर की जरूरत होती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आपकी वसीयत ठीक तरह से बंटी है। एग्जीक्यूटर को वसीयतकर्ता द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद एग्जीक्यूटर उसकी जगह लेता है। इस दौरान एग्जीक्यूटर यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति को वसीयतकर्ता की अंतिम इच्छा के अनुसार इम्प्लीमेंट किया जाए।
- वसीयत लिखते समय आपको हर पेज के नीचे अपने हस्ताक्षर करने चाहिए। हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे ब्रैकेट में अपना नाम जरूर लिखें। आप जिस भाषा में हस्ताक्षर कर रहे हैं उसी भाषा में आपको साफ और स्पष्ट ढंग से अपना नाम नीचे लिखना चाहिए।