जलवायु परामर्श में मध्यप्रदेश दिखाएगा अपनी अग्रणी भूमिका
भोपाल
“जलवायु परिवर्तन के लिये वैश्विक प्रयास-भारत की प्रतिबद्धता में राज्य का योगदान’’ विषय पर भोपाल में 28 अक्टूबर 2024 को पहला राज्य-स्तरीय प्री-कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) परामर्श आयोजित हो रहा है। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में प्रात: 10 बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रमुख रूप से सहभागिता करेंगे। कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख लीडर्स को एक मंच पर लाने का प्रयास है। यह परामर्श अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) के तत्वावधान में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (MPCOST), नर्मदा समग्र, पब्लिक एडवोकेसी इनिशिएटिव फॉर राइट्स एंड वैल्यूज़ इन इंडिया (PAIRVI), और कम्युनिटी इकोनॉमिक्स एंड डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स सोसाइटी (CECEODECON) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का भोपाल में आयोजन क्लाइमेट चेंज के क्षेत्र में राज्य द्वारा लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परामर्श मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को एक साथ लाने के नवीन दृष्टिकोण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश वसुधैव कुटुम्बकम के विचार को समाहित करता है- जिसमें 'सारा विश्व एक परिवार है। यह आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के दृष्टिकोण के साथ मेल खाता है। इसका उद्देश्य साझा और समावेशी जलवायु समाधान को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में 200 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट लीडर्स, शासकीय अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस विमर्श के केंद्र में मध्यप्रदेश राज्य द्वारा किए जा रहे प्रयास रहेंगे, जो कि भारत के नेशनली डिटरमिन्ड कंट्रीब्यूशन (NDCs) और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को आगे बढ़ाने में महती भूमिका निभा रहे हैं। वर्ष 2025 का समय भारत की अपडेटेड NDC प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक, मध्यप्रदेश ने अपने आर्थिक विकास को महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों के साथ जोड़ा है। देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र और अद्वितीय पारिस्थितिकी संपदा के साथ, मध्यप्रदेश क्लाइमेट चेंज के प्रति एक्शन लेने के लिए तथा नेतृत्व करने के लिये अग्रणी है। यह सरकार की क्लाइमेट एक्शन और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्री-सीओपी विमर्श का उद्देश्य राज्य के प्रयासों को भारत की वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं के साथ जोड़ना है।
परामर्श के मुख्य विषय
राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में राज्य स्तरीय प्रयासों को रेखांकित करना।
सतत विकास और जलवायु संरक्षण में मध्यप्रदेश के नवाचारों को प्रदर्शित करना।
बहु-हितधारकों के सहयोग के माध्यम से NDC-SDG संबंध को मजबूत करना।
स्थानीय और प्रभावी क्लाइमेट एक्शन रणनीति को COP 29 की रणनीति के साथ एकरूप बनाना।
यह ऐतिहासिक कार्यक्रम मध्यप्रदेश को भारत के जलवायु प्रयासों के अग्रिम पंक्ति में खड़ा करेगा और देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।