बेंगलुरु से अयोध्या आ रही अकाशा एयरलाइंस के फ्लाइट में बम की सूचना मिलने पर मचा हड़कंप
अयोध्या
बेंगलुरु से अयोध्या आ रही अकाशा एयरलाइंस के फ्लाइट नंबर 1821 में बम की सूचना मिलने पर हड़कंप मच गया। महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर फ्लाइट के उतरने के पहले ही इमरजेंसी मीटिंग हुई। उसके बाद दोपहर 1:50 बजे फ्लाइट जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरी, सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत यात्रियों को निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गए।
महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट के डायरेक्टर विनोद कुमार ने कहा कि बेंगलुरु से अयोध्या आ रही अकाशा एयर की फ्लाइट में बम होने की कॉल थी। चेकिंग अभी चल रही है, इसमें 173 यात्री है, पैसेंजर को हम बिल्डिंग के अंदर ले आए हैं। जांच के बाद जहाज को रवाना कर दिया जाएगा। गलत सूचनाएं लगातार पूरे देश में चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर सूचनाएं गलत निकल रही हैं। उम्मीद करते हैं कि यह भी सूचना गलत होगी, लेकिन जो प्रक्रिया होती है, उसका हमें पालन करना बहुत जरूरी है। हम लोग सतर्क हैं। जहाज की गहन जांच होगी, उसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।
एक यात्री प्रांजल अग्रवाल ने कहा कि 40 मिनट पहले हमें बताया गया कि कोई सिक्योरिटी थ्रेट है, इसके कारण जल्दी से लैंडिंग करनी पड़ी। पायलट ने फ्लाइट में समान चेक किया। यात्री घबराए हुए थे, लेकिन कोई पैनिक नहीं हुआ। फ्लाइट में शांति बनी रही।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की, इसमें विभिन्न एयरलाइनों को मिल रही बम की फर्जी धमकियों के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी मध्यस्थों की जिम्मेदारी तय की गई है और इन अफवाहों को रोकने में विफल रहने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से एयरलाइनों को फर्जी बम धमकी संदेशों के बारे में डेटा साझा करने के लिए कहा है और ऐसी गतिविधियों के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए कहा है। गुरुवार को 80 से अधिक विमानों को उड़ाने की धमकियां मिलीं।
इस तरह की झूठी बम धमकियां ज्यादातर गलत सूचनाएं होती हैं, जो सार्वजनिक व्यवस्था, एयरलाइनों के संचालन और एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा को बड़े पैमाने पर बाधित करती हैं।
वहीं, इस सप्ताह के आरंभ में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा था कि सरकार एयरलाइनों को बम की धमकी देने की घटनाओं से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है, इसमें ऐसी धमकी देने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालना भी शामिल है।