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राजस्थान-दौसा से डीडी बैरवा बने कांग्रेस के उम्मीदवार

दौसा.

दौसा सहित राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है, जिसमें दौसा विधानसभा उपचुनाव सीट पर कांग्रेस ने दीनदयाल उर्फ डीडी बैरवा के रूप में एससी कार्ड खोल दिया है। उधर, भाजपा एसटी कार्ड खेलते हुए जगमोहन मीणा को चुनावी समर में उतार चुकी है।

इन सभी के बीच अब दौसा विधानसभा सामान्य और ओबीसी वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में आ गए हैं। ऐसे में दौसा से डीडी बैरवा को कांग्रेस टिकट मिलने के बाद जनरल मतदाताओं साधने के लिए अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। ध्यान रहे देवी सिंह दौसा इस विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उपचुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। जो कहीं न कहीं भाजपा और कांग्रेस की जीत में रोड़ा बन सकते हैं।

लामबंद भी होने लगे मतदाता
दौसा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का टिकट लेकर आए डीडी बैरवा जनरल को मतदाताओं को साधने के लिए अच्छा खासा पसीना बहाना पड़ सकता है, क्योंकि सामान्य और ओबीसी वर्ग के मतदाताओं को भाजपा के वोट बैंक के रूप में माना जाता है। दौसा विधानसभा में होने जा रहे इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस का टिकट वितरण होने के साथ ही जातिगत समीकरण के हिसाब से मतदाता लामबंद भी होने लगे हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार हैं बैरवा
दीनदयाल बैरवा उर्फ डीडी बैरवा राजनीतिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार हैं। इनके पिता किशन लाल बैरवा वर्ष 2005 से 2010 तक दौसा पंचायत समिति के कांग्रेस टिकट पर प्रधान रहे हैं। कोरोना काल से पूर्व डीडी बैरवा भी दौसा पंचायत समिति के प्रधान रह चुके हैं। वर्तमान में इनकी धर्मपत्नी बीना देवी लवाण पंचायत समिति की प्रधान हैं। डीसी बैरवा सामान्य और शील प्रभाव के नेता माने जाते हैं और सामाजिक स्तर पर इनकी पकड़ भी है।

पहले से थे आश्वस्त
डीसी बैरवा साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान सिकराय विधानसभा क्षेत्र से खुद के टिकट की दावेदारी की थी, जिसके बाद अब इन्हें दौसा विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने भरोसा करके टिकट दिया है। ऐसे में एससी और एसटी के बीच फंसीं यह जनरल सीट किसको मिलेगी फिलहाल यह कहना मुश्किल होगा। इधर, डीडी बैरवा खुद का टिकट आने से पूर्व ही अपने टिकट के प्रति आश्वस्त थे। इसलिए ही तो बीते दिन सुबह देव दर्शन यात्रा के साथ इन्होंने अपने प्रचार की शुरुआत भी कर दी थी, जबकि डीडी बैरवा के हाथ में टिकट देर रात को आया है। अब कल नामांकन की तारीख खत्म होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बीच फंसी दौसा विधानसभा की यह सामान्य सीट पर कोई नया और मजबूत कैंडिडेट इस चुनावी समर में आएगा या यह मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा।

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