मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिलेंगे पर्याप्त आर्थिक संसाधन – केन्द्रीय मंत्री मांडविया
- स्वास्थ्य क्षेत्र सर्वोपरि, इसलिए खुले में खाद्य सामग्री के विक्रय पर की गई कार्रवाई – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज होगा
- मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में मिलेंगे पर्याप्त आर्थिक संसाधन – केन्द्रीय मंत्री मांडविया
- 218 करोड़ रूपए लागत की 187 स्वास्थ्य संस्थाओं का हुआ भूमिपूजन और लोकार्पण
- उज्जैन में देश की पहली हेल्दी एंड हाइजेनिक फूड स्ट्रीट का लोकार्पण
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को इस परिसर में प्रसादम के माध्यम से हेल्दी फूड मिलेगा। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे आहार के विचार को क्रियान्वित किया जा रहा है। जन-स्वास्थ्य रक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इस नाते गत कुछ सप्ताह में खुले में खाद्यान्न सामग्री बेचने और अस्वच्छ तरीके से माँसाहार के विक्रय पर अंकुश के लिए 25 हजार से अधिक दोषी लोगों को दंडित किया गया है। नागरिकों को अच्छा स्वास्थ्य देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत सरकार प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के लिए संकल्पबद्ध है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज हो, इस दिशा में राज्य सरकार भरपूर प्रयास करेगी। समाज के गरीब वर्ग के साथ महिलाओं, किसानों और युवाओं के कल्याण को समान महत्व देते हुए योजनाएं क्रियान्वित होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन में फूड स्ट्रीट प्रसादम एवं स्वास्थ्य संस्थाओं के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं केंद्रीय मंत्री मांडविया ने संयुक्त रूप से उज्जैन फूड स्ट्रीट (प्रसादम) का उद्घाटन किया। यह देश की पहली हेल्दी एंड हाइजैनिक फूड स्ट्रीट है।
पौराणिक महत्व है उज्जैन का
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन की रचना को देखें तो यह पृथ्वी का लघु रूप भी है। दुनिया के इस छोटे से स्वरूप में 84 महादेव हैं, सप्त सागर हैं। काल का केन्द्र महाकाल है। उज्जैन भविष्य का ग्रीनविच है। जब 21 जून और 22 दिसम्बर को सूर्य देव कक्षा बदलते हैं तो अपनी परछाई भी नहीं दिखाई देती। उज्जैन में काल गणना पौराणिक काल से हो रही है। करीब 300 वर्ष पहले तक समय की गणना दुनिया में कहीं से होती थी तो वह शहर मध्य बिंदु उज्जैन था। इसलिए विज्ञान और प्राद्योगिकी विभाग के साथ ही अन्य संबंधित संस्थाओं के सहयोग से उज्जैन में ऑब्जर्वेटरी की स्थापना की पहल की गई। उज्जैन से अनेक विभूतियों का उदय हुआ है। हजारों वर्ष से विभूतियों का संबंध उज्जैन से रहा है। डॉ. यादव ने कहा कि प्रभु राम पिता के श्राद्ध के लिए उज्जैन आए थे। इसी तरह भगवान कृष्ण की शिक्षा-दीक्षा यहीं हुई। महात्मा बुद्ध के काल में सम्राट अशोक ने अपने बेटे और बेटी को यहीं से बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अन्य देशों के लिए रवाना किया। सम्राट विक्रमादित्य, भर्तृहरि सभी का संबंध उज्जैन से रहा है। राजा भोज के विषद ज्ञान को भोज पत्रों से जाना जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मांडविया का केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त सहयोग के लिए आभार माना।
देश के अन्य नगरों में भी प्रारंभ होंगी फूड स्ट्रीट – केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया
केन्द्रीय स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि महाकाल के पवित्र स्थान पर फूड स्ट्रीट का शुभारंभ हो रहा है। यह फूड स्ट्रीट यात्रियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आयुष्मान भारत, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के माध्यम से स्वास्थ्य संरचना को मजबूत बनाने की ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में आवश्यक आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी जी ने विकसित भारत के लिए नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक माना है। पहली बार देश में यह हुआ है कि विकास को मनुष्य के स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। सिर्फ अस्पतालों के निर्माण से स्वास्थ्य क्षेत्र में लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। नागरिक स्वस्थ रहें, इसके लिए उन्हें हाइजैनिक फूड मिलना जरूरी है। आने वाले समय में उज्जैन के बाद अन्य नगरों में इस तरह के फूड स्ट्रीट प्रारंभ किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी समग्र दृष्टिकोण से नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहे हैं। कोविड के दौर में उनके नेतृत्व में जो लड़ाई लड़ी गई, दुनिया उसकी गवाह है। भारत में कोविड के प्रबंधन से विश्व के बड़े देशों को भी मोदी जी की क्षमताओं का ज्ञान हुआ। आज भारत सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रत्येक जिले को 100 करोड़ रूपए की राशि प्रदान कर रही है। नए भारत का निर्माण हो रहा है।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि महाकाल लोक परिसर के विकास के बाद यहाँ प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख लोग आ रहे हैं। शनिवार और रविवार में इनकी संख्या 3 और 4 लाख तक पहुंच जाती है। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मिल रही है। जिला अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी धन की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री जी ने सड़क और आवास योजनाओं की भांति नेशनल हेल्थ मिशन के माध्यम से अनेक सुविधाएं प्रदान की है। उज्जैन फूड स्ट्रीट एक मॉडल है, जिसमें 17 संस्थान विभिन्न तरह का खान-पान उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा राशि प्राप्त हुई है। स्मार्ट सिटी के सहयोग से यह प्रकल्प क्रियान्वित हो रहा है।
प्रारंभ हुई स्वास्थ्य सेवाएं और उज्जैन फूड स्ट्रीट – एक नजर में
आज उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 218 करोड़ रुपये की लागत की 187 स्वास्थ्य संस्थाओं का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इसके साथ ही महाकाल मंदिर और उज्जैन के अन्य मंदिरों में विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया गया। उज्जैन फूड स्ट्रीट के लोकार्पण से महाकाल लोक के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पोषण से भरपूर आहार प्राप्त होगा। महाकाल परिसर में स्मार्ट पार्किंग के निकट अवंतिका हाट का विकास हुआ है। प्रसादम के अंतर्गत श्रद्धालुओं और पर्यटकों को 900 वर्ग फीट क्षेत्र में ईट राइट इंडिया के तहत स्ट्रीट फूड उपलब्ध करवाया गया है। यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा एप्रिन और ग्लब्स का उपयोग किया जा रहा है। हाइजिन का विशेष ध्यान रखा गया है। विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन भी रखी गई है। मोबाइल फूड टेस्टिंग इकाई, डिजिटल मेनू बोर्ड की सुविधा के साथ ही प्रसादम में विभिन्न सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन भी होगा। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन फूड स्ट्रीट से जुड़ी वेबसाइट और ब्रोशर का लोकार्पण भी किया। फूड स्ट्रीट के लोकार्पण के पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न सेवा प्रदाताओं से संवाद भी किया।
कार्यक्रम में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय, अनिल जैन, जितेन्द्र पंड्या, डॉ. तेज बहादुर के साथ ही उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम की सभापति श्रीमती कलावती यादव, उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान सहित अनेक अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने आभार व्यक्त किया।