कर्नाटक सरकार अब बढ़ा सकती है बस का किराया, महिलाओं को फ्री बस सेवा देना पड़ा महंगा
बेंगलुरु
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वादा किया कि सत्ता में सरकार आई तो महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा शुरू करेंगे। कांग्रेस सरकार आई और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने। सरकार बनते ही राज्य की बसों में महिलाओं की यात्रा फ्री कर दी गई। हालांकि इसका बोझ राज्य सड़क परिवहन निगम पर पड़ रहा है और सरकार बसों का किराया बढ़ाने जा रही है। कर्नाटक सड़क परिवहन के अध्यक्ष एस आर श्रीनिवास ने कहा कि राज्य में सरकारी बसों के किराए में वृद्धि होनी चाहिए।
श्रीनिवास ने कहा कि केएसआरटीसी ने राज्य सरकार को 15 से 20 प्रतिशत किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में निर्णय लिया है कि केएसआरटीसी बसों के किराए में बढ़ोतरी होनी चाहिए। हमने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसे सरकार और मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। इससे पहले वर्ष 2019 में किराया संशोधित किया गया था। उस समय डीजल की कीमत 60 रुपये प्रति लीटर थी, जो अब 99 रुपये तक पहुंच गई है। इसके अलावा स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। कर्मचारियों की ओर से वेतन संशोधन की लगातार मांग की जा रही है।
श्रीनिवास ने कहा कि कर्मचारियों के साथ समझौते में कहा गया है कि हर चार साल में वेतन का संशोधन होना चाहिए। पिछली सरकार ने कोविड के कारण वर्ष 2020 में इसका पालन नहीं किया। इसलिए यह हमारे लिए एक चुनौती है।
सरकार बोली, कठिनाइयों का कर रहे सामना
निगम के अध्यक्ष ने कहा कि हम पर इन सब चीजों का दबाव है और हमें 2024 को ध्यान में रखते हुए वेतन भी संशोधित करना है। हम काफी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तेल और स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हमें सब कुछ ध्यान में रखना है, इसलिए हमारे पास बहुत कम विकल्प हैं। यदि नियमित आधार पर किराया बढ़ाया जाए तो हम इन समस्याओं से आसानी से निजात पा सकते हैं।"
3 महीने में 300 करोड़ घाटा
श्रीनिवास ने कहा, 'यदि हम पिछले तीन महीनों की बात करें तो निगम 295 करोड़ के घाटे में है। हमारे पास लगभग 8000 बसें हैं, सभी बसें 10 से 11 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं। लगभग 450 से 500 वोल्वो बसें हैं, वे भी 20 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं, इसलिए हमें नई वोल्वो बसें भी खरीदनी होगी। हमने बैठक में नई खरीद के बारे में चर्चा की है। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए और नई बसें खरीदने, पुरानी बसों के रखरखाव, बहुत सारे खर्च हैं। इसलिए यह अपरिहार्य है कि किराया बढ़ाया जाए। हमें हर चीज का ध्यान रखना है।'
20 पर्सेंट तक हो सकती है बढ़ोत्तरी
सरकार की ओर से आगे कहा गया कि हमने एक प्रस्ताव पारित किया है कि इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। हमने बोर्ड में प्रस्ताव रखा है कि सरकार को टिकट की कीमतों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति देनी चाहिए, ताकि हम चीजों को सुचारू रूप से चला सकें। हम देखेंगे कि मुख्यमंत्री क्या निर्णय लेते हैं, लेकिन यदि इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो निगम घाटे में रहेगा।
2019 से नहीं बढ़ा किराया
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि निगम बंद होने की कगार पर पहुंच सकता है। जहां तक शक्ति योजना का सवाल है, हमें इसका पैसा सरकार से मिलता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनके लिए हम सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते। अगर इस निगम को चलाना है, तो हमें भी कुछ पैसे कमाने होंगे, इसलिए हम सीएम से अपील कर रहे हैं। कोई कारण नहीं है कि शक्ति योजना के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की जाए। 2019 से कोई संशोधन नहीं हुआ है, इसलिए हम किराया बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं।