दुनिया की पहली सफेद बाघिन विंध्या अब नहीं रही
मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थी
Realindianews.com
मध्य प्रदेश / मुकुंदपुर।
मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मुकुंदपुर में दुनिया की पहली वाइट टाइगर सफारी में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही सफेद बाघिन श्विंध्या अब नहीं रही। विंध्या की मौत हो गई। वन मंडल के मुकुंदपुर में बने महाराजा मार्तंड सिंह जू कम रेस्क्यू सेंटर और वाइट टाइगर सफारी की शान श्विंध्या की मौत हो गई। सफेद बाघिन विंध्या पिछले काफी दिनों से बीमार चल रही थी। उसका इलाज चल रहा था लेकिन इस बीच 16 वर्ष की विंध्या अपने पीछे अपनी यादें छोड़ कर दुनिया से तली गई।विंध्या की मौत की खबर सुनकर वन विभाग के अधिकारी अवाक रह गए। वाइट टाइगर सफारी के निर्माण और विंध्य की धरती को दोबारा सफेद बाघों से आबाद करने का प्रयास करने वाले प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला भी स्तब्ध रह गए।
पूरे सम्मान के साथ विंध्या को दी गई अंतिम विदाई
विंध्या को मुकुंदपुर में ही पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद सतना गणेश सिंह, रीवा के विधायक और पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने विंध्या को अंतिम विदाई दी। गौरतलब है कि सफेद बाघिन विंध्या को 9 वर्ष की उम्र में सितंबर 2016 में भोपाल के वन विहार से मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी लाया गया था। इसके अलावा एक सफेद बाघ रघु भी यहां था। दोनों को अलग-अलग बाड़े में रखा जाता था। वाइट टाइगर सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए विंध्या आकर्षण का केंद्र थी। वह अक्सर पर्यटकों की बस और गाडिय़ों की राह में बैठी नजर आ जाती थी। बाद में रघु और विंध्या को मेंटिंग के लिहाज से एक साथ भी रखा गया। सितंबर 2022 में भी विंध्या की तबियत बिगड़ी थी। उसने खाना छोड़ दिया था हालांकि इलाज के बाद तब वह ठीक हो गई थी लेकिन अब की बार जब वह बीमार पड़ी तो फिर डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।