भगवान को लगी ठंड, स्नान का समय बदला
मलाई, मक्खन, गजक और मेवे के लगाए जा रहे भोग
Realindianews.com
मध्य प्रदेश के सभी मंदिरों में कड़ाके की ठंड के चलते भगवान के दिन चर्या में परिवर्तन आया है। सतना जिले में ठंड के बढ़ते ही अब भगवान जी को भी गर्म कपड़े पहनाने के साथ रजाई उढ़ाना शुरु कर दिया गया है। गुनगुने पानी से जलाभिषेक व भोग में घी के पकवानों का उपयोग किया जा रहा है। शहर के सभी मंंदिरों में ठंड को देखते हुए भगवान का स्नान, कपड़े, व भोग की विशेष व्यवस्था की गयी है। मंदिरों में भगवान के सयन कक्ष को गर्म रखने के लिए गुरसी, रुम हीटर का प्रयोग किया जा रहा है। ठंड को देखते हुए भगवान को सुबह गुनगुने जल से नहलाया जा रहा है। पुजारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया होलिका दहन तक निरंतर जारी रहेगी। भक्ति में डूबे भक्त भगवान को ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए देशी घी के पकवान का भोग लगा रहे हैं। रात्री आरती के बाद गर्म कपड़े व विशेष रजाई की भी व्यवस्था की गयी है। भक्तों व्दारा मंदिरों में गर्म कपड़े व रजाई पुजारी को भेंट की जा रही है, ज्ञात हो कि सुबह-शाम जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक पर रोक लगा दी गई है। साथ ही मंदिरों में भगवान के भोग का मेन्यू ही बदल गया है। अब भगवान को सर्दी के मुताबिक, मलाई, मक्खन, गजक और मेवे का भोग लगाया जा रहा है।
श्री श्री राधा माधव इस्कॉन मंदिर में शरद ऋतु में विशेष पूजा
पन्ना रोड स्थित स्कॉन मंदिर में भक्ति में डूबे भक्त इस्कान मंदिर में शरद ऋ तु को देखते हुए राधा माधव के विशेष गर्म वस्त्र वृन्दावन से मंगाए गये हैं। शहर के इस्कान भक्तों ने कई कपड़े अपने हांथों से बनाए हैं। इस्कॉन मंदिर के व्यवस्थापक प्राण प्रियचार्यब्रम्हचारी जी ने जानकारी देते हुए बताया कि विशेष स्वेटर व रजाई भक्तों ने अपने हांथों से बना कर भेंट किया है। भगवान को विशेेष भोग लगाया जाता है। मिश्री का भूरा, काली मिर्च, शुध्द घी का मिश्रण कर लड्डू प्रतिदिन लगाया जा रहा है। ठंड को देखते हुए हीटर की व्यवस्था की गयी है। सुबह चार से बढ़ाकर अब पांच – छ: बजे भगवान को उठाया जाता है। मंगल आरती के बाद श्रंगार होता है। तुलसी आरती होती है। इसके बाद तुलसी श्रंगार किया जाता है। हरे कृष्ण महामंत्र का जप होता है, इसके बाद श्रंगार आरती होती है। दिन भर कार्यक्रम चलते रहते हैं।
श्रीबिहारी जी मंदिर में गर्म कपड़े पहनाए जा रहे
शहर के ह्रदय स्थल बिहारी चौक में स्थित बिहरी जी मंदिर में लड्डू गोपाल, राधा-कृष्ण जी विराज मान हैं। भक्ती भाव के साथ पुजारी जी विगत कई वर्षों से पूर्वजों के बाद निरंतर पूजा करते आ रहे हैं। ठंड की व्यवस्था भगवान के लिए विशेष रुप से की जाती है। पुजारी जी का कहना है कि जिस प्रकार हम लोग अपने लिए ठंड की व्यवस्था करते है वैसे ही भगवान जी के लिए भी ठंड की व्यवस्था की जाती है। भगवान के गर्म वस्त्र के अलावा रजाई,ऊनी कपड़े व सभी व्यवस्था की जाती है। नए जमाने को देखते हुए गर्म हीटर की व्यवस्था की गयी है। जिससे रात भर भगवान जी का रुम गर्म रहता है। ठंड को देखते हुए सारी दिनचर्या बदल जाती है। जैसा हमें महसूस होता है वैसा ही भगवान के लिए हम लोग महसूस कर व्यवस्था करते हैं।
व्यंकटेश मंदिर में गुनगुने जल से हो रहा अभिषेक
मुख्त्यारगंज में स्थित व्यंकटेश मंदिर के प्रमुख पुजारी स्वामी कमलाकांत महाराज का कहना है कि व्यंकटेश मंदिर में विराजे सभी भगवान जी के लिए सुबह सबसे पहले गर्म पानी किया जाता है। जिससे भगवान जी को स्नान कराया जाता है। इसके बाद गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं। भगवान जी के तीनों ऋतु के अलग-अलग वस्त हैं। ठंड में गर्म वस्त्र पहनाए जाते हैं। सुबह मंगल आरती के बाद स्नान कराया जाता है। रात को रजाई उढ़ाकर भगवान जी को सुलाया जाता है। यह प्रक्रिया दीपावली से प्रारंभ हो जाती है, होलिका दहन के दिन तक चलती है। लड्डू का भोग विशेष रुप से लगता है।
श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर में मंगल आरती का बदला समय
जिले का एकलौते श्रीराधा कृष्ण प्रणामी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण-राधा जी की पूजा होती है। मंदिर के पुजारी अवध बिहारी जी ने बताया कि ठंड को ध्यान मे रखते हुए भगवान जी को विशेष गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं। भगवान जी के कक्ष को गर्म रखा जाता है। अंगीठी जलाई जाती है ताकि वातावरण गर्म रहे। विशेष भोग प्रसाद ठंडी को देखते हुए बनाया जाता है। सुबह गर्म पानी से स्नान के साथ सभी कार्य कराए जाते हैं। मंदिर में सुबह से कार्यक्रम शुरु हो जाते हैं जो रात 10 बजे तक चलते हैं। सुबह मंगल आरती का समय ठंड को देखते हुए बढ़ा दिया गया है। भगवान जी के गर्म कपड़े भक्त दूसरे प्रदेश से तीनों ऋ तु में भेजते रहते हैं।