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भारतमाला परियोजना के पहले चरण पर अब 8.5 लाख करोड़ रुपये होंगे खर्च

 नईदिल्ली

भारत में रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है. हाईवे के अलावा अब नए-नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे समेत देशभर में हाई टेक हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है. यह सभी निर्माण कार्य भारतमाला परियोजना के तहत हो रहा है. 2017 में केंद्र सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इसके तहत देश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए हाईवे और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य रखा गया. भारतमाला प्रोजेक्ट, देश में हाईवे के निर्माण के लिए चलाई जा रही है एक परियोजना है.

 इसमें देशभर में एक मजबूत हाई-स्पीड रोड नेटवर्क तैयार की योजना है. 5 लाख करोड़ से ज्यादा के बजट वाली इस परियोजना का साकार करने का जिम्मा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय राजमार्ग एव औद्योगिक विकास निगम और राज्यों के लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है. आइये आपको बताते हैं आखिर आने वाले वर्षों में भारत माला परियोजना के पूर्ण रूप से साकार होने के बाद देशवासियों को किस तरह फायदा मिलेगा.

क्या भारत माला परियोजना

भारतमाला परियोजना, देश के नेशनल हाईवे को और बेहतर बनाने का एक नया कार्यक्रम है. इसके तहत हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इकोनॉमिक कॉरिडोर, इंटर कॉरिडोर और फीडर रुट्स के माध्यम से सड़क के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है. खास बात है कि इस प्रोजेक्ट के तहत अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी के लिए देश की सीमाओं तक सड़क निर्माण कार्य किया जाएगा. इसके अलावा, हाईवे को समुद्रीय तट और बंदरगाह से जोड़ा जाएगा, साथ ही ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा.

खास बातें

भारत माला प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य देश के 550 जिलों को कम से कम 4 लेन हाईवे के साथ जोड़ना है. देशभर में हाईवे नेटवर्क के 50 कॉरिडोर डेवलप करना है. नेशनल हाईवे के जरिए माल ढुलाई को 70 से 80 फीसदी तक बढ़ाना है.

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम तक सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है.

बन रहे हैं ये एक्सप्रेसवे

भारत माला परियोजना के तहत दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे, वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर, चेन्नई-सलेम कॉरिडोर, अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर समेत कई हाईवे व एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है.

कुल लंबाई और खर्च

भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 65,000 किलोमीटर नेशनल हाईवे (राष्ट्रीय राजमार्ग) का निर्माण 2 चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में कुल 34,800 किलोमीटर सड़कों का विकास किया जा रहा है. हाउसिंग डॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारतमाला परियोजना के पहले चरण पर 5.35 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब यह राशि बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है.

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