धर्म/ज्योतिषमध्यप्रदेश

श्रीराम मंदिर : चंपत राय को संघ ने चित्रकूट तलब किया

नई जमीन खरीद पर लगी रोक; भैयाजी जोशी अयोध्या आएंगे

चित्रकूट,RIN । अयोध्या में राम मंदिर के लिए कथित जमीन घोटाले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक्शन के मूड में नजर आ रहा है। आरएसएस के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ट्रस्ट को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। वे जल्द अयोध्या भी पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को चित्रकूट में चल रही संघ की बैठक में भी तलब किया गया है। उन्हें ट्रस्ट के काम से दूर भी किया जा सकता है। चंपत राय के पास विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष का भी दायित्व है। इसलिए वे ट्रस्ट को सहयोग देते रहेंगे। वहीं, ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा को संघ विचार प्रवाह के किसी संगठन में जिम्मेदारी देकर उनको भी ट्रस्ट के काम से दूर किया जा सकता है।
नई जमीन के सौदे पर लगी रोक
फिलहाल ट्रस्ट ने नई जमीन की खरीद पर रोक लगा दी है। बिजैसी क्षेत्र में जमीन खरीद के दौरान दो करोड़ की जिस भूमि का 18 करोड़ में हुए सौदे को लेकर घोटाले के आरोप लगे थे। उसी के पास कोल डिपो क्षेत्र में कई हेक्टेयर जमीन का सौदा तय था, उसकी रजिस्ट्री होनी थी, उसे रोक दिया गया है। डॉक्टर अनिल मिश्र को संघ में जिम्मेदारी मिल सकती है। कहा जा रहा है कि ट्रस्ट के जिन पदाधिकारियों के नाम इस मामले में सामने आए हैं। उनका प्रभाव खत्म कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया जाएगा। डॉक्टर अनिल मिश्र को संघ में जिम्मेदारी मिल सकती है। कहा जा रहा है कि ट्रस्ट के जिन पदाधिकारियों के नाम इस मामले में सामने आए हैं। उनका प्रभाव खत्म कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया जाएगा।
सर कार्यवाह भैयाजी जोशी मामले को देखेंगे
जमीन घोटाले के आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच भले ही संघ ट्रस्ट के पदाधिकारियों का बचाव करता दिखाई दे रहा हो, लेकिन अंदर ही अंदर छटपटाहट साफ नजर आने लगी है। यह मामला सामने आने के साथ ही क्रस्स् के वरिष्ठ पदाधिकारी सरकार्यवाह भैयाजी जोशी मामले पर निगाह बनाए हुए हैं। वे जल्द अयोध्या भी आ सकते हैं। ट्रस्ट के जिन पदाधिकारियों का नाम इस प्रकरण में सामने आया है, वे कानूनीतौर पर ट्रस्ट में बने रहेंगे, लेकिन ट्रस्ट में उनका प्रभाव खत्म कर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया जाना तय है। सूत्र बताते हैं कि भैयाजी जोशी की एंट्री यह बता रही है कि विपक्ष को कुछ कहने-सुनने का मौका न देते हुए ट्रस्ट के कई लोगों को उनके पद पर बनाए रखना है। लेकिन अब वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएंगे। ट्रस्ट पर क्रस्स् सीधे निगाह रखेगा।
सपा के पूर्व मंत्री ने सबसे पहले उठाए थे सवाल
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में सपा नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पवन ने पूरे मामले में दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस मामले को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्रस्ट के सदस्यों पर जमीन खरीदने में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था। हालांकि, ट्रस्ट ने आरोपों को खारिज कर दिया था। भाजपा के नेताओं ने भी ट्रस्ट के सदस्यों पर लगे आरोपों पर उनका बचाव किया था।

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