मध्यप्रदेश

जीजी फ्लाईओवर से कंट्रोल होगा एमपी नगर का 60% ट्रैफिक

भोपाल

राजधानी के जीजी फ्लाई ओवर ब्रिज (गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक) की करीब 350 मीटर लंबी सर्विस लेन की अड़चनें दूर हो गई हैं। यह सर्विस लेन एमपी नगर थाने से डाक भवन के बीच बनेगी। नर्मदा लाइन की शिफ्टिंग नहीं होने से यह काम कई महीनों से अटका था।  ब्रिज के दोनों तरफ एंटर पाइंट पर स्लैब भी डाला जा रहा है।

पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि सर्विस लेन बनते ही एमपी नगर का करीब 60 प्रतिशत ट्रैफिक ब्रिज से ही गुजरेगा। फ्लाई ओवर की लागत 138 करोड़ रुपए है। 20 दिसंबर 2020 को इसकी शुरूआत हुई थी। दो साल में  दिसंबर 2022 तक इसे बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन कोरोना काल, नर्मदा लाइन की शिफ्टिंग नहीं होने समेत अन्य अड़चनों की वजह से फ्लाई ओवर पूरा नहीं हो सका। मार्च 2024 तक पूरे होने का टारगेट है।

 दो हिस्सों में बन रहा है फ्लाई ओवर
फ्लाई ओवर दो हिस्सों में बन रहा है। इसमें 2534 मीटर की मुख्य लेन है, जबकि 200 मीटर का थर्ड लेग है। थर्ड लेग यानी गायत्री मंदिर के पास का आखिरी छोर, जहां से फ्लाई ओवर का ट्रैफिक दो भागों में बंटेगा। फ्लाई ओवर के सभी पिलर खड़े करने के बाद स्लैब बिछ चुका है। दोनों ओर लाइट लगाई जा चुकी है। जिसकी टेस्टिंग की जा रही है।

ब्रिज निर्माण में यह है खास
15 मीटर चौड़े इस ब्रिज की लंबाई 2734 मीटर (करीब पौने तीन किमी) है।   पिक आॅवर्स यानी सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 से रात 8 बजे के बीच इतनी दूरी तय करने में करीब 20 मिनट तक लग जाते हैं। दिन में भी ट्रैफिक का दवाब रहता है। इस फ्लाई ओवर के पास ही मेट्रो का काम भी चल रहा है। इस कारण भी जाम की स्थिति बनती है। फ्लाई ओवर बनने के बाद ये दूरी महज 5 मिनट में पार की जा सकेगी। अनुमान के अनुसार, एमपी नगर की मुख्य सड़क का 60 परसेंट ट्रैफिक फ्लाई ओवर से ही गुजर जाएगा।

 जीजी फ्लाई ओवर ब्रिज दोनों ओर एंटर पाइंट पर काम चल रहा है।  इसके अलावा इससे जुड़ी सर्विस लेन का काम शुरू हो गया है।  350 मीटर में से आधे हिस्से को समतल किया जा चुका है। उद्योग विभाग और डाक भवन के पास काम तेजी से किया जा रहा है। इसको समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
जावेद शकील, कार्यपालन  यंत्री,  पीडब्ल्यूडी भोपाल

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